फाल्गुन मास कब से शुरू हो रहा,‌ इसका महत्व और इसमें पड़ने वाले त्योहार जानें

     फाल्गुन मास जिसका नाम सुनते ही मन झुमने लगता है। कहा जाता है फाल्गुन मास बुढ़वन को भी जवानी से भर देता। फाल्गुन महीना मीठी छेड़छाड़, पानी की बौछार, कीचड़ से ना कोई दरकार और रंगों का त्योहार के लिए जाना जाता है। येे महीना आते ही एक उमंग, एक नशा झुमते हुए पेड़ पौधे, आम के पेड़ के मंजर सब फाल्गुन गाने में सराबोर रहते। फाल्गुन केे कितने सारेे गाने आप सब सुनते ही होंगे। हमारे गांव में तो पुरे फाल्गुन गांव के मंदिर पर भजन और फाग गीत फाल्गुन शुरू होते ही रोज शाम में गाए जाते हैं। 

      फाल्गुन मास हिन्दू धर्म के साल का सबसे अंतिम महीना होता है। इस माह का धार्मिक और वैज्ञानिक महत्व है। इसमें बस होली, शिवरात्रि की खुशी नहीं मौसम का मिजाज भी‌ खुशनुमा रहता है। इस माह में पतझड़ खत्म हो नये मौसम शुरू होते हैं, जैसे पतझड़ में पेड़ के सारे पत्ते झड़ जाते फिर उसमें नयी बहार आती, उसी तरह जब लगता हमारे जीवन का सब खत्म हो गया तो उम्मीद रखनी चाहिए बहार जल्द आने वाली है। आइए जानते हैं फाल्गुन कब शुरू होगा, और इसमेें त्योहार कौन सा है।

       फाल्गुन मास कब से शुरू हो रहा और इसका महत्व....


       माघी पूर्णिमा 26 फरवरी शुक्रवार को है तो फाल्गुन मास 27 फरवरी को शुरू हो रहा है और 28 मार्च को खत्म होगा। फाल्गुन मास का महत्व अधिक हो जाता है कि इस माह में 4 देवताओं की पूजा होती है। सबसे पहले जानकी जी, विष्णु जी, शिवजी, चंद्रमा इन सबकी पुजा की जाती है। फाल्गुन मास की अमावस्या को दान, पूण्य और तर्पण के लिए विशेष माना जाता है। फाल्गुन मास में ‌फसल पक कर‌ कटने को तैयार रहते और आम में मंजर आने शुरू होते, ठंड के कपड़े पेटी में और गर्मी के कपड़े निकलने लगते। उस समय सब कुछ नया सा लगते।‌ वैसे तो यह साल का 12वां महीना होता लेकिन उस पर खुमारी 16वां साल‌ वाला लगता, जो बस मदहोश किए रहता।
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        फाल्गुन मास में पड़ने वाले त्योहार...

     * 2 मार्च - संकटी चतुर्थी जिसे द्विज प्रिय संकष्टी चतुर्थी कहते हैं। भगवान गणेश जी को की पूजा के लिए यह दिन विशेष है।


     * 6 मार्च - सीता अष्टमी या जानकी जयंती। इस दिन माता सीता का अवतरण हुआ था। इस दिन मंदिर में माता सीता की पूजा धूमधाम से मनाई जाती है। माता सीता और माता लक्ष्मी दोनों एक ही है तो इस दिन माता लक्ष्मी की पूजा भी पूजा करने से पुण्य मिलता है।

     * 9 मार्च - विजया एकादशी व्रत हैै‌। यह करने से आप हर काम में सफल रहते हैं। भगवान राम को रावण को मारने के लिए मूनि ने यही व्रत करने को कहा था। येेएकादशी कृृष्ण पक्ष की एकादशी व्रत है।


      *10 मार्च - प्रदोष व्रत इस दिन भगवान शिव की पूजा करने का विधान है।


     * 11 मार्च - महाशिवरात्रि पर्व है। जिस दिन भगवान शिव और शक्ति का विवाह पुरे धूमधाम से मनाया जाता है।


    * 13 मार्च - फाल्गुन अमावस्या इस दिन दान पुण्य तर्पण किया जाता है।

      * 14 मार्च - मीन संक्रांति


‌     * 15 मार्च - फूलैरा दूज इस दिन राधे कृष्णा की पूजा की जाती है।


       *17 मार्च - विनायक चतुर्थी


      * 22 मार्च - होलाष्टक प्रारंभ 


      * 23-24 मार्च - लट्ठमार होली बरसाना और नंदगांव


     * 25 मार्च - आमलकी एकादशी व्रत यह सुख समृद्धि के लिए किया जाता है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है।


      * 28 मार्च - होलिका दहन


       * 29 मार्च - होली, रंगों से सराबोर, होली की शुभकामनाएं ‌और भी जानकारी के लिए बने रहिए।


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