कब से शुरू हो रहा है शारदीय नवरात्र, कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त जानें

    हिंदू धर्म में दुर्गा पूजा का विशेष महत्व है, शारदीय नवरात्र 2025 सितंबर से शुरू हो रहा है, यह आश्विन मास में होती है। नवरात्रि में नौ दिन माता के नौ रूपों की पूजा की जाती है। यह मुख्य रूप से बिहार, झारखंड, उत्तरप्रदेश, बंगाल और उड़ीसा में धूमधाम से मनाया जाता है। पहला दिन कलश स्थापना से शुरू हो कलश विसर्जन तक पूजा होता है, घर में और मंदिर ना कलश स्थापना कर पूजा करते हैं।

      ऐसे साल में चार नवरात्र होते हैं लेकिन शारदीय नवरात्र में ज्यादा धूमधाम होती है। चैत्र नवरात्र अप्रैल में, माघ और आषाढ़ मास में गुप्त नवरात्रि मनायी जाती है। हम इस पोस्ट में कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त, माता की सवारी किस पर आएगी, कौन से दिन कौन रूप का पूजा होता और माता को प्रिय क्या है उस पर विस्तार से जानकारी लेंगे....

  


       कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त......

   शारदीय नवरात्र 22 सितंबर 2025 सोमवार से शुरू हो रहा है, शारदीय नवरात्र आश्विन मास के शुक्ल पक्ष प्रतिपदा से शुरू होता है, प्रतिपदा 22 सितंबर रात 1.23 से 23 सितंबर रात 2.55 तक रहेगा। इसलिए कलश स्थापना 22 सितंबर को ही होगा। कलश स्थापना का महत्व 

कलश स्थापना की विधि

    कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त - 

      सुबह 06.09 से 08.06 तक, दोपहर 11.49 से 12.38 तक रहेगा।

     कलश स्थापना के कुछ नियम अवश्य जाने....

   * कलश हमेशा ईशान कोण या पुर्व या उत्तर पुर्रव में रखना चाहिए।
   * कलश हमेश सोना, चांदी, तांबा या मिट्टी का होना चाहिए, लोहा, स्टील या टीना का नहीं..
   * पूजा का कमरा अच्छी तरह साफ कर, धो पोंछ कर, एक‌ परत पहले मिट्टी का बिछा तब कलश स्थापना करना चाहिए।‌नौ दिन उसको कोई हिलाए डुलाए नहीं।
   * कलश में गंगा जल भर दें। उसको ढकने के लिए कलश का एक ढक्कन भी अवश्य लें।
   * कलश को लाल कपड़ा से बांध लें। कलश में पूजन सामग्री डालने के बाद आम के पत्ते फिर ढक्कन रखें। ढक्कन में चावल भर कर रखें, इससे घर में अन्न‌ धन की कमी नहीं होती।
   * रोज कलश की सुबह-शाम पूजा करें।
   * 

    दुर्गा पूजा की सामग्री...

     अरवा चावल,
     तील
     गाय का घी, दुध, दही, उपले
     गुड़ 
    लाल कपड़ा 
    मिट्टी का कलश, चौमुखी दीप, दिया 
    नये वस्त्र ब्राह्मण और जो पुजा करते 
    नारियल 
    पंचमेवा 
    फल प्रसाद 
    दुर्वा 
    धूप, गुग्गुल, धूमन, अगरबत्ती, रूई बाती
     जौ, गेहूं का आटा, हल्दी 
    आम का पत्ता, केला का पत्ता, पान का पत्ता 
     सप्तधान्य 
     सप्तमृतिका 
     पंचरत्न 
     सर्वौषधि
    अष्टगंध 
    हवन सामग्री 
    कपूर 
    माचिस 
    लोंग इलाइची
    मौली धागा
    रोली चंदन 
    सिंदूर 
   फूल , माला, तुलसी 
   दुर्गा जी का फोटो, दुर्गा सप्तशती, चुनरी
   शहद,

     माता के किस रूप की पूजा किस दिन होगी ....

    22 सितंबर 2025 - पहला दिन - शैलपुत्री माता 
    23 सितंबर 2025 - दुसरा दिन - ब्रह्मचारिणी माता
   24 सितंबर 2025 - तीसरा दिन - मां चंद्रघंटा 
   25 सितंबर 2025 - चौथा दिन - मां चंद्रघंटा ( इस बार दो दिन एक रूप का पूजा है)
   26 सितंबर 2025 - पांचवां दिन - मां कुष्मांडा 
   27 सितंबर 2025 - छठा दिन - मां स्कंदमाता 
   28 सितंबर 2025 - सातवां दिन - मां कात्यायनी 
  29 सितंबर 2025 - आठवां दिन - मां कालरात्रि 
  30 सितंबर 2025 - नौवां दिन - मां सिद्धिदात्री 
  01 अक्टूबर 2025 - नौवां दिन - मां सिद्धिदात्री 
  02 अक्टूबर 2025 - विजयादशमी - 

      इस बार दुर्गा अष्टमी 30 सितंबर मंगलवार को है..

     माता की सवारी किस पर आ रही है....

    साल 2025 में माता की सवारी हाथी पर आ रही है। जो बहुत शुभ माना जाता है, देश में धन धान्य की कमी नहीं होगी। और माता की सवारी मनुष्य पर जाएगी जो ये भी शुभ ही माना जाता है।





   
    



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