मकर संक्रांति 2022 कब है, 14 या 15 को होगा इस बार जानें

      मकर संक्रांति अंग्रेजी नववर्ष का पहला पर्व कहा जा सकता है। क्योंकि यह अंग्रेजी कलेंडर के हिसाब से ही होता है। इस दिन सुर्य उत्तरायण होते हैं। इस साल मकर संक्रांति पौष कृष्ण पक्ष के द्वादशी तिथि को पड़ गया है, मकर संक्रांति तब होता है जब सुर्य धनु राशि से निकल कर मकर में प्रवेश करता है। यह घटना हर साल लगभग 14 जनवरी को ही होता है लेकिन इधर कुछ सालों से यह 15 जनवरी को होने लगी है उसका कारण ग्रह नक्षत्रों का योग होता है। इसलिए इस पोस्ट में हम बताने जा रहे हैं कि मकर संक्रांति कब है।

मकर संक्रांति कब है और क्यों मनाई जाती है

      मकर संक्रांति अलग अलग हिस्सों में अलग अलग नाम से जानी जाती है। जैसे असम में इसे बीहू, बिहार झारखंड उत्तरप्रदेश में खिचड़ी या मकर संक्रांति, दक्षिण भारत में पोंगल, गुजरात में उत्तरायण, पंजाब में लोहड़ी, कर्नाटक,केरल, आंध्रप्रदेश में संक्रांति, जम्मू में उत्तरैन या माघी संगरांद, कश्मीर में शिशुर संक्रांत, बंगाल में पौष संक्रांति कहा जाता है।


       मकर संक्रांति का शुभ मुहूर्त....

    मकर संक्रांति साल 2022 में 14 जनवरी शुक्रवार को होगा। यह 2.43 से 5.45 तक शुभ काल रहेगा। मकर संक्रांति के दिन स्नान दान की विशेष महत्ता है।‌‌‌इस दिन गंगा स्नान कर तिल, गुड़, चावल दाल, कंबल दान करना चाहिए। मकर संक्रांति 14 जनवरी के बाद ही माघ मास मेला का आयोजन शुरू हो जाता है। मकर संक्रांति पर गंगा सागर स्नान का विशेष महत्व है।


      मकर संक्रांति पर गंगा स्नान और दान कर पुण्य के भागी बनें। भगवान शनि के प्रभाव से मुक्त होने के लिए तिल और काली उड़द दान करें। राहु के प्रभाव से बचने के लिए ऊनी कपड़े, कंबल, स्वेटर दान करें। चावल को अक्षय दान माना जाता है इसलिए चावल अवश्य दान करें। घी सुर्य और गुरु के लिए लाभदायक है इसलिए इसे दान करें। अलग अलग दान करने से अच्छा है आप इस दिन तिल, मुड़-मुड़े, गुड़, घी से बने लड्डू और सप्तधान्य अनाज दान करें।


      मकर संक्रांति पर बिना स्नान किए बिल्कुल नहीं खाना या चाय पीना चाहिए। किसी नदी या तालाब में नहीं जा‌ सकते तो कम से कम घर में ही स्नान कर लें। स्नान कर भगवान सुर्य को एक लोटा जल अर्पित करें। इस दिन भगवान सुर्य की पूजा करनी चाहिए। तिल के तेल से मालिश या नहाने वाले जल में एक चुटकी तील मिला लें जो आपको बुरी नजर से बचाता है।


     हमारे यहां मकर संक्रांति पर दही चुड़ा (पोहा) तिलवा, तिलकुट, तिल मुड़-मुड़े का लड्डू खाया जाता है। दिन में एक बार दही चुरा गुड़ और रात में खिचड़ी खाया जाता है। आपके यहां मकर संक्रांति पर क्या खाया जाता है कमेंट कर अवश्य बताएं। अगर आप भी घर पर गाढ़ा और मलाईदार दही जमाने के लिए सोच रहे तो इस लिंक पर क्लिक करें और रेसिपी जानें।




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