मकर संक्रांति 2021 कब है और क्यों मनाई जाती है

      पिछले कुछ सालों में मकर संक्रांति को लेकर बहुत ऊहापोह मची रहती थी लेकिन इस बार कोई टेंशन ना हो। मकर संक्रांति 14 जनवरी को होगी। इस दिन पोंगल, उत्तरायन और बिहू होगा। इस‌ साल तो मकर संक्रांति पर कुछ खास भी है कि कुंभ मेला भी शुरू हो रहा है। इस लिए इस मकर संक्रांति का महत्व भी बढ़ जाता है।

       मकर संक्रांति कब है और इसका शुभ मुहूर्त जानें.....


         मकर संक्रांति 14 जनवरी गुरुवार को है। 8.14 में सूर्य मकर राशि में प्रवेश कर जाएगा। इस दिन स्नान ध्यान का विशेष महत्व होता है। 2.38 तक दिन बहुत शुभ रहेगा, इस समय कोई भी धार्मिक कार्य, पूजा पाठ कर सकते हैं।

      मकर संक्रांति पर ‌तिल का महत्व होता है।‌ लेकिन हमारे बिहार में तो दही, चुड़ा,‌शक्कर, तिलवा, तिलकुट का तो बात ही कुछ अलग ही हां रात में फिर खिचड़ी बनाते। बहुत जगह लोग‌ तिल, अड़वा चावल भगवान को भोग लगा खा लेते हैं। उसके बाद जम के पतंगबाजी होती है, आपके यहां कैसे होती है मकर संक्रांति कमेंट कर अवश्य बताएं।

       मकर संक्रांति क्यों मनाई जाती है....

     मकर संक्रांति के दिन सुर्य धनु राशि से निकल कर शनि राशि के मकर में प्रवेश करते हैं। कहा जाता है कि इस दिन भगवान सुर्य अपने बेटे शनि महाराज से मिलने आते हैं। इस लिए इस तिल और गुड़ दोनों का महत्व होता है।
       मकर संक्रांति पर ये चीजें दान करें पूण्य का भागी बनेंगे.....

       मकर संक्रांति पर गरीबों को तिल, गुड़, ऊनी वस्त्र, कंबल, खिचड़ी, काली उड़द ये सब दान करें। ये सब चीजें गुरु और सुर्य से जुड़े हुए हैं इसलिए ये दान करने कहा जाता है। तिल दान करने से शनि का बुरा प्रभाव कम पड़ता, ऊनी कपड़ों से राहू का अशुभ दोष कम होता है। इस दिन दिया गया दान अक्षय पुण्य होता जिससे जन्मों तक पूण्य चलता है।


       मकर संक्रांति के बाद सुर्य उत्तरायण हो जाता है।‌ जो   
शुभ माना जाता है। भीष्म पितामह इस दिन का इंतजार लगभग 58 दिन तीरों के मृत्यु शैय्या पर पड़े रहे, क्योंकि उस समय सुर्य दक्षिणायन था और दक्षिणायन में मरने पर सीधे स्वर्ग और मोक्ष नहीं मिलता। भीष्म पितामह सुर्य उत्तरायण होने के बाद मृत्यु को स्वीकार किया।
      
      14 जनवरी को मकर संक्रांति पर गंगा स्नान अवश्य करना चाहिए। इस बार तो वैसे भी कुंभ मेला लगा है। कुंभ मेला में हरिद्वार में सरकार ने बहुत अच्छी व्यवस्था की है। पुरे हरिद्वार कुंभ मेला को 7 जोन और 20 सेक्टर में बांट दिया गया है।‌ 1200 से अधिक कैमरे लगाए हैं, हर जगह पुलिस, अग्निशमन दल, मेडिकल सेवा, डुबने पर बचाने वाले तैराक आदि तैनात है। हरिद्वार जाएं तो अगल बगल भी घुम लें बहुत अच्छी जगह। कुंभ मेला 2021 उत्तराखंड हरिद्वार जाएं तो इन जगहों पर अवश्य जाएं 

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