मकर संक्रांति पर गंगा सागर स्नान

      मकर संक्रांति हिन्दू धर्म का प्रमुख पर्व है। मकर संक्रांति  पुरे भारत और नेपाल में अलग अलग रुप और नाम से मनाया जाता है।पौष महीने में जब सूर्य मकर राशि पर आता है तभी इस पर्व को मनाया जाता है। यह हर साल 14 या 15 जनवरी को मनाया जाता है।


 मकर संक्रांति 2022 कब है
     हमारी सबसे पवित्र नदी गंगा, गंगोत्री से निकलती है और पश्चिम बंगाल में सागर में जाकर मिल जाती है। जहां उसका मिलन होता है,उस जगह को गंगासागर कहते हैं। यहां पर विश्व विख्यात मेला लगता है। हिंदू धर्म में इसको मोक्षधाम भी कहा जाता है। यहां मकर संक्रांति के अवसर पर लाखों लोग नहाने आते हैं।और डुबकी लगा कर मोक्ष की कामना करते हैं।


     पश्चिम बंगाल के चौबीस परगना जिले में कपिल मुनि का आश्रम है।जिन्होंने भगवान राम के पुर्वज और इक्ष्वाकु वंश के राजा सगर के साठ हजार पुत्रों का उद्धार किया था। मान्यता है कि मकर संक्रांति पर इस जगह पर पुण्य स्नान करने से मोक्ष का मार्ग प्रशस्त होता है।

   पहले कहा जाता था कि " सब तीरथ‌ बार बार गंगा सागर एक बार"। कहा जाता था कि हर किसी को यहां आना नसीब नहीं होता है।ल लेकि यह सब पुरानी बात थी ।उस समय उतना संचार माध्यम नहीं था तो जाना मुश्किल था अब तो यहां आना बहुत सुगम हो गया है।

      अभी कोरोना का समय चल रहा है, गंगा सागर स्नान के लिए सरकार ने ऑर्डर दे दिया है लेकिन आपको स्नान करने जाने से पहले 72 घंटा पहले कोरोना RTPCR रिपोर्ट प्रशासन को दिखाना पड़ेगा ना तब वो आपको वहां जाने नहीं देंगे....

    कहा जाता है कि एक बार गंगा सागर में डुबकी लगाने पर 10 अश्वमेध यज्ञ और एक हजार गाय दान करने के समान फल मिलता है।शास्त्रो में उत्तरायन के समय को देवताओं के लिए दिन और दक्षिणायन को देवताओं का रात कहा गया है।इस तरह मकर संक्रांति एक तरह से देवताओं की सुबह मानी जाती है।

   मकर संक्रांति से सूर्य उत्तर गोलार्ध की ओर आना शुरू कर देता है जिस कारण रात छोटी और दिन बड़े होने लगते हैं। दिन बड़ा होने से सूर्य की रोशनी अधिक देर तक धरती पर पड़ती है।इसलिए मकर संक्रांति पर सूर्य की राशि में हुए परिवर्तन को अंधकार से प्रकाश की ओर अग्रसर होना माना जाता है।

   मकर संक्रांति के दिन स्नान, दान,जप,तप,श्राद्ध तथा अनुष्ठान का बहुत महत्व है।कहा जाता है कि इस दिन किया गया दान सौ गुना होकर वापस मिलता है। मकर संक्रांति पर तिल और खिचड़ी का बहुत महत्व है।।
      

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