चैत्र नवरात्र में अपनाएं ये नियम माता की कृपा हमेशा रहेगी

      2 अप्रैल से चैत्र नवरात्र शुरू हो रहा है। बहुत लोग इस समय भी शारदीय नवरात्र के जैसे कलश स्थापना कर पूजा करते हैं तो आप ये कुछ नियम अपना कर माता को प्रसन्न कर सकते हैं। आजकल हर कोई किसी ना किसी परेशानी से परेशान रहता है किसी को नौकरी तो किसी को व्यापार तो किसी की पढ़ाई, स्वास्थ्य,आर्थिक, मानसिक रूप से परेशान हैं। जैसे मां अपने बच्चे की एक परेशानी देख तुरंत दूर कर देती है वो तो जगत की माता है उनको भी अपने भक्तों की पुकार सुन्नी होगी। बस मन में श्रद्धा भाव के साथ पूजा करें। माता सब अच्छा करेगी, जय माता दी....

      चैत्र नवरात्र में अपनाएं ये नियम माता की कृपा हमेशा रहेगी......

       * चैत्र नवरात्र में कलश हमेशा पूर्व या पूर्व - उत्तर दिशा मतलब ईशान कोण में होना चाहिए। कलश के नीचे जौ या गेहूं अवश्य रखें। कलश पर आम का पत्ता और एक ढक्कन में चावल कर रखें, कलश में कुछ मुद्रा अवश्य डालें। सुबह शाम रोज आरती करें। एक माता का फोटो भी रखें।
      * नवरात्रि में कन्या पूजन अवश्य कराएं, नौ कन्याओं को भोजन और उनके खोंइछा ( चावल, दूब, हल्दी की गांड़, रुपए) रखें। अगर नौ दिनों तक आप भोजन नहीं करा सकते तो अष्टमी और नवमी को भोजन कराएं। कन्या को दक्षिण की ओर मुख करके बैठाएं इससे घर में पोजेटिविटी आती है।

     * नवरात्रि के नवमी के दिन रामनवमी उत्सव मनाया जाता है इसलिए पुरे नवरात्र आप हनुमान जी की पूजा करें। उनको पान और लाल फूल का माला चढ़ाएं।

       * नवरात्रि के पहले दिन माता को उजला‌ कनेर पुष्प अर्पित करें, दुसरा दिन वटवृक्ष के पत्ते और फूल, तीसरे दिन शंखपुष्पी का फूल, चौथे दिन पीले रंग और पांचवें दिन नीला फूल चढ़ाएं। लाल फूल, सफेद कमल, अपराजिता, अड़हुल, गुलाब, चंपा,पलाश, शीशम के फूल भी चढ़ाएं।

      * रोज दुर्गा चालीसा पाठ या श्रीसुक्त पाठ, दुर्गा सहस्त्रनाम स्तोत्र पाठ, दुर्गा सप्तशती, रामायण पाठ जरूर पढ़ना चाहिए। नवरात्रि में सुहाग‌ का सामन लेकर माता मंदिर में चढ़ाएं और सुहागिन स्त्रियों में बांट दें।

     * माता दुर्गा को पहला दिन गाय की घी, दुसरे दिन मिश्री और पंचामृत, तीसरे दिन दुध से बनी चीजें, चौथे दिन मालपुआ, पांचवां दिन केला और छठा दिन शहद, सातवां दिन गुड़ और आठवें दिन नारियल और नवमी को चना पुरी खीर का भोग लगाएं।
      * नवरात्रि में लौंग का‌ बहुत महत्व होता है माता को लौंग की माला पहनाएं,‌‌‌आपकी उम्र के बराबर लौंग गिन कर लें। इससे आपकी मनोकामना पूरी होगी। पान के पत्ते में लौंग लपेट कर बीड़ा बना‌लें माता को चढ़ाएं, आपके काम बनेंगे।

      * नवरात्रि में किसी बगल के शिव मंदिर में शिवलिंग और माता पार्वती पर दुध, दही, घी, शहद और गंगाजल से अभिषेक करें।

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