आंवला के फायदे, औषधीय और दैवीय गुणों से भरपूर होता है ये

     आंवला जिसमें औषधीय गुण तो है ही साथ ही साथ दैवीय गुणों से भरपूर है। कार्तिक मास अभी चल रहा है इसमें रोज आंवला में जल देना  शुभ माना जाता है। अभी बाजार में आंवला बहुत मिलता है। यह सितंबर से अप्रैल तक लगभग मिलता है, इसका स्वाद भले कसैला होता लेकिन स्वास्थ्य की दृष्टि से फायदा भी होता है। हम आंवला का मुरब्बा, हलवा, चटनी, आचार, कैंडी आदि बनाते हैं। रेसिपी भी बताएंगे आगे अभी बहुत कुछ है।


     आंवला का औषधीय गुण....

    आंवला में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने की क्षमता होती है। विटामिन सी से भरपूर, बाल और स्कीन के लिए बहुत लाभदायक होता है। हृदय के लिए, पाचन शक्ति बढ़ाती है, आंखों के लिए फायदेमंद है, डायबिटीज वालों के लिए रामवाण है... यह बहुत ही चमत्कारिक लाभ देता, इसका सेवन रोज किया जाए तो आप स्वस्थ रहेंगे।

    आंवला का दैवीय गुण....

    आंवला वृक्ष को हमारे शास्त्रों में भगवान के‌ आशीर्वाद वाला फल कहा गया है। कुछ कथाओं में इसे ब्रह्मा जी के आंसू से बने फल माना जाता है तो कुछ कथाओं में जब समुद्र मंथन में अमृत कलश के बुंदे जो गिरी उससे उत्पन्न माना जाता। ऐसे जो भी हो इस आंवले के वृक्ष की पूजा करने से भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं। कार्तिक मास में इनको रोज जल चढ़ाया जाता, आंवला नवमी का तो बहुत खास महत्व है।

    आंवला का पेड़ कब लगाया जाता है...

  आंवला का पेड़ मानसुन में लगाया जाता जुलाई से सितंबर इस समय बारिश होता है पेड़ जड़ मिट्टी को अच्छी तरह पकड़ लेता। अक्टूबर - नवंबर में भी पेड़ लगाया जाता है, धार्मिक दृष्टिकोण से कार्तिक मास शुभ होता इस महीने लगाते, फिर गुरूवार को, एकादशी, आंवला नवमी को लगाया जाता है। वास्तु के हिसाब से भी घर में आंवला लगाना शुभ माना जाता है। घर के अंदर नहीं आंगन में गमला में, अगर फल के लिए लगाना है तो घर के पीछे या बगीचे में लगाएं। 
      
      आंवला में फूल बसंत ऋतु के समय आते हैं यानी फरवरी मार्च महीने में, कभी कभी कुछ पेड़ों पर फूल आ झड़ जाते तो उसके लिए कुछ दवाएं प्रयोग करें। 

      आंवला का सेवन कब करना चाहिए....

   आंवला सुबह खाली पेट कच्चा खा सकते, उसका जूस पी सकते। आंवला सुखा कर उसका पाउडर बना रात में एक चम्मच गर्म पानी के साथ ले सकते। हां डायबिटीज वाले बिना डाॅ की सलाह ना लें सुगर लो हो सकता है। आंवला का तासीर ठंडा होता सर्दी खांसी में कच्चा आंवला नुकसान दे सकता इसलिए इसका चव्वनप्रास बना खा सकते हैं। बहुत ज्यादा एक बार में सेवन करने से बचें गैस की प्रोब्लम हो सकती है।

    रोज रात को आंवला चूर्ण को एक गिलास गर्म पानी में लिया जाए, इससे सुबह पेट बिल्कुल साफ हो जाता, मेटाबॉलिज्म ठीक रहता, गैस नहीं बनता... को-रोना काल में याद कीजिए अपना इम्यून सिस्टम मजबूत करने के लिए हम लोग कितना आंवला का कैंडी, जूस आदि उपयोग किए थे। विटामिन सी अधिकता के कारण लोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ता है। विटामिन सी से स्कीन भी ग्लो करता है।

     यह कोलेस्ट्रॉल कम करता जिससे हृदय भी सुरक्षित रहता है। सुबह टहलने के बाद एक गिलास पानी में एक ढक्कन आंवला जूस लें। यह आंख के लिए भी बहुत फायदेमंद है। 

     आंवला की चटनी और मुरब्बा कैसे बनाएं....

  आंवला के मुरब्बा के लिए पहले उसे उबाल लें, फिर उसका बीज निकालकर घी में हल्का भून‌ लें। एक तरफ चीनी की चासनी गैस पर चढ़ा दें फिर उस चासनी में भूना हुआ आंवला डाल दें। चीनी अपने स्वाद अनुसार कम ज्यादा कर सकते हैं। तैयार है आपका मुरब्बा, उसको डब्बा में कर लें।‌ स्टोर कर पुरे ठंडी उसका सेवन दूध के साथ कर सकते हैं।

    आंवला की चटनी के लिए - आंवला, धनिया, अदरक, काला नमक, नींबू का रस, भूना जीरा सबको एक बार पीस लें। परांठे के साथ खाएं....

     आंवला का सेवन कब नहीं करना चाहिए...

  आंवला का सेवन धार्मिक दृष्टि से रविवार, शुक्रवार, प्रतिपदा, षष्ठी, नवमी, अमावस्या को नहीं करना चाहिए। अगर ऑपरेशन हुआ है या खुन पतला करने का दवा ले रहे तब भी इसका सेवन नहीं करना चाहिए। गैस बहुत ज्यादा बन रहा हो, लो बीपी वाले, सुगर वाले सब बिना डाॅ के सलाह के सेवन ना करें।

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