बिहार झारखंड स्थित माता के शक्तिपीठ और मंदिर

     अभी चैत्र नवरात्र चल रहा है, पुरे नवरात्र में लोग कहीं न कहीं माता मंदिर या माता के शक्तिपीठ जरुर जाते हैं। आइए हम आज अपने बिहार झारखंड में स्थित माता के शक्तिपीठ के बारे में बता रहे हैं। सबसे पहले हम इस पोस्ट में पढ़ते हैं कि शक्तिपीठ कहते किसको हैं..इस लिंक पर क्लिक करें शक्तिपीठ है क्या और कितने हैं पुरी जानकारी विस्तार से पढ़ें। प्रजापति दक्ष के यहां जब माता सती ने खुद को हवन कुंड में आग के हवाले कर दिया, भगवान शिव इस दुख को सह नहीं पाए और त्रिनेत्र खोल प्रलय मचा दिया, तब भगवान विष्णु ने माता सती के शरीर पर चक्र से वार किया जिसके 108 टुकड़े हुए वो टुकड़ा जहां जहां गिड़ा और जहां माता का जेवर गिरा वो सब शक्तिपीठ कहलाएं। 


     माता के कुछ ऐसे मंदिर है जहां शक्तिपीठ के बराबर ही मान्यता है उनकी पूजा बहुत धूमधाम से होती है। जो मांगों वहां मिल जाता है बिहार झारखंड स्थित उन सभी मंदिरों के बारे में भी बताएंगे। वहां के निवासी उस मंदिर को शक्तिपीठ ही मानते हैं अब क्या सही है क्या ग़लत पता नहीं। आज हम सब विस्तार से जानेंगे। 

        बिहार झारखंड स्थित माता के शक्तिपीठ और मंदिर....


        * जयदुर्गा बैद्यनाथ शक्तिपीठ- यह झारखंड में स्थित देवघर बैद्यनाथ धाम में है। यहां माता का हृदय गिरा था। जिस कारण इसे "हार्दपीठ" भी कहा जाता है। यहां द्वादश ज्योतिर्लिंग में से एक बाबा बैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग भी है। यहां माता और स्वयं महादेव भी स्थित है, यह पहला शक्तिपीठ है जहां शिव और शक्ति दोनों हैं। देवघर के बारे में विस्तार से जानें



       * छिन्नमस्तिका मंदिर- यह झारखंड स्थित रजरप्पा में है। यह रांची से 80 किलोमीटर दूर और रामगढ़ से 28 किलोमीटर दूर स्थित है। यहां माता का कटा गर्दन स्वयं एक हाथ में है ऐसा मूर्ति यहां है।


       * देवड़ी मंदिर - यह झारखंड के रांची के 60 किलोमीटर दूर तमाड़ से 3 किलोमीटर दूर देवड़ी पहाड़ पर है। यहां माता की 16 भूजाए है और यहां माता के ऊपर भगवान शिव का मूर्ती, अगर बगल माता लक्ष्मी, माता सरस्वती, गणेश जी और कार्तिक जी की मूर्ति है। यह देश विदेश में फेमस है यहां महान क्रिकेटर महेंद्र सिंह धोनी पूजा करते आएं हैं। यहां 6 दिन पाहन पूजा करते हैं और 1 दिन ब्राह्मण।

      * मां चंडिका तारामैया स्थान- यह बिहार के मुंगेर जिला में स्थित शक्तिपीठ है, यहां माता का दायां आंख गिरा था। यहां माता के मंदिर में सोने का आंख लगा है। यहां दुर्गा पूजा के समय अपार भीड़ रहती है। मुंगेर की प्रसिद्ध बड़ी मां आज भी कंधे पर जाती है। यहां आसपास भी माता का बहुत फेमस मंदिर है।


        * मां कात्यायनी स्थान- यह बिहार के खगड़िया जिले में है। खगड़िया-सहरसा रेलवे रूट पर है धमहरा स्टेशन जहां सोमवार और शुक्रवार बहुत भीड़ लगता है। यहां माता का दायां भूजा गिरा था। यहां माता का गांजा, दूध का धार और ताजा दही चढ़ाया जाता है।


       * बिंदु धाम - बिंदु धाम झारखंड के साहिबगंज के बड़हरवा में है। यह त्रिदेवी मां दूर्गा, मां सरस्वती और मां लक्ष्मी का शक्तिपीठ है। यहां हनुमान जी का 35 फूट का मूर्ती है, भगवान सूर्य का 7 घोड़े पर सवार मूर्ति है। यहां रामनवमी के अवसर पर मेला लगता है।


        * जयमंगला गढ़ - यह बिहार के बेगुसराय से 21 किलोमीटर दूर मंझौल प्रखंड में स्थित है। कहा जाता है यहां माता का बायां स्कंध गिरा था। इसके गर्भ गृह की मूर्ति किसी ने स्थापित नहीं किया बल्कि खुद प्रकट हुआ। यहां गुप्त नवरात्रि आषाढ़ में तांत्रिक मंत्र सिद्धी पूजा होता है। इसके ठीक बगल विश्व प्रसिद्ध कांवर झील मीठे पानी का झील है जहां विदेशी पक्षी बहुतायत मात्रा में आते हैं। सालों भर मंगलवार और शनिवार को यहां भीड़ लगता है।


       * मां मुंडेश्वरी मंदिर- यह बिहार के कैमूर जिले से 11 किलोमीटर दूर पांवड़ा पहाड़ पर स्थित है। इस मंदिर के प्रांगण में पंचमुखी महादेव का मंदिर है।


        * योगिनी शक्तिपीठ - यह झारखंड के गोड्डा जिले पत्थर गामा प्रखंड के बारकोपा में स्थित है। यह तंत्र साधना सिद्धि के लिए प्रसिद्ध है, इस मंदिर की मान्यता कामाख्या मंदिर के बराबर है, यहां पहले नरबलि दी जाती थी लेकिन अंग्रेजी शासन के बाद बंद करा दिया गया।


       * पटन‌ देवी माता - पटना देवी माता शक्तिपीठ पटना में स्थित है जो बिहार की राजधानी है, बड़ी पटन देवी और छोटी पटन देवी माता, बड़ी पटन देवी माता का मंदिर महाराजगंज में स्थित है यहां माता का दाहिना जंघा गिरा था और छोटी पटन देवी माता का मंदिर हाजीगंज में है जहां माता सती का पेट और वस्त्र गिरा था।


       * मां मंगला गौरी शक्तिपीठ - यह बिहार के गया जिले से थोड़ी दूर भस्मकूट पर्वत पर मां मंगला गौरी माता का मंदिर है। यहां माता का स्तन गिरा था जिस कारण इसे पालनपीठ भी कहा जाता है। यहां नवरात्र और महाशिवरात्रि पर मेला लगता है।


       लखनपुर वाली माता बिहार बेगुसराय, खगड़िया जिले में सन्हौली दुर्गा स्थान, बेगुसराय में बीहट दुर्गा स्थान, लक्खीसराय में बड़हिया दुर्गा स्थान, लातेहार जिले में चंदवा प्रखंड के नगर गांव की उग्रतारा देवी, महामाया मंदिर गुमला जिले में, ऐसे कुछ फेमस मंदिर है जिनका लोकल में बहुत मान्यता है लोग यहां भगवान से हर मनोकामना पूरी पाते हैं।


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