बिहार में छठ पूजा सबसे बड़ा पर्व है, अभी लगभग बाहर रहने वाले बहुत से लोग छठ पर्व में घर आते हैं। 11 नवंबर को छठ पूजा का अंतिम अर्घ्य है उसके बाद आपके पास 3 दिन का समय है जिसमें आप कहीं आसपास आसानी से घूम सकते हैं। बिहार के आसपास घुमने की सबसे बगल की जगह बंगाल है, झारखंड है, झारखंड में अगर बिहार बोर्डर देवघर द्वादश ज्योतिर्लिंग जहां घूमने की बहुत सारी जगह है। चलिए आज हम आपको बंगाल की सैर कराते हैं। झारखंड के बारे में जानकारी के लिए इस लिंक पर क्लिक करें...
छठ पूजा की बची छुट्टी में यहां जाएं घूमने.... बंगाल...
पश्चिम बंगाल के बारे में आज हम लोग जानते हैं चुंकि यह बिहार के बगल है इसलिए मैं इसके बारे में बता रही। पश्चिम बंगाल तो वैसे दुर्गा पूजा के लिए फेमस है लेकिन यहां और भी बहुत सारी जगह है जहां आप कभी भी घूम सकते हैं।
पश्चिम बंगाल में घुमने की जगहों में सबसे पहले कोलकाता जो राजधानी के साथ साथ पुराने शहर में से एक है। इसे सिटी ऑफ जाॅय कहा जाता है, इसकी सांस्कृतिक और ऐतिहासिक महत्व के कारण... इसके बाद सुंदरवन, दार्जिलिंग, सिलीगुड़ी, दक्षिणेश्वर काली, विक्टोरिया महल, दीघा बीच, डोलो हील, बेलूर मठ, कंचनजंगा की पहाड़ी, टाइगर हिल, हावड़ा ब्रिज, इंडेन गार्डन, मां तारापीठ, बाॅटनिकल गार्डन, कालीपोंग, गंगासागर ( इसके बारे में तो कहा जाता सब तीर्थ बार बार गंगा सागर एक बार), मुर्शिदाबाद, कुरेंसोंग, कुच बिहार महल, शांतिनिकेतन, मालदा, बल्लभपुर अभ्यारण्य, हल्दिया गोपाल जी मंदिर, जलदापारा उद्यान, मिदनापुर, बक्सा टाइगर रिजर्व, गोरूमारा राष्ट्रीय उद्यान, झारग्राम, सैंडकफू ट्रेक, सहित और भी यहां बहुत जगहों का मजा ले सकते हैं।
पश्चिम बंगाल संस्कृति और समृद्ध परंपरा की धरती है। वैसे यहां वामपंथी का गढ़ कहा जाय तो ग़लत नहीं होगा लेकिन एक बात और है कि सबसे ज्यादा नोबेल पुरस्कार विजेता इसी राज्य से हैं। यहां दुर्गा पूजा और क्रिसमस पर बहुत भीड़ रहती है लेकिन आम दिनों में भी टुरिस्ट भरे रहते। यहां बिजनेस के लिए भी लाखों लोगों रोजाना आते जाते।
सबसे पहले पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता के बारे में जानें.....
कोलकाता - कोलकाता को पुर्वी भारत का प्रवेश द्वार कहा जाता है। कोलकाता आने के लिए आपको पुरे भारत से रेल और सड़क जुड़ा हुआ है। हवाई मार्ग भी यहां देश विदेश हर जगह जोड़ता है। कोलकाता यातायात का केंद्र, विस्तृत बाजार वितरण केन्द्र, शिक्षा का केंद्र, बिजनेस हो या औद्दोगिक इंडस्ट्रीज सब का गढ़ है। यहां का रात देखने लायक होता है। लाइट से जगमगाते रहता है, शाम यहां सुहावना होता है। यहां घूमने के लिए बहुत सस्ता शहर है, यहां का खान पान सबसे युनिक और बजट में रहता हूं। कोलकाता में चिड़ियाघर, अजायबघर, बिड़ला मंदिर, हावड़ा ब्रिज, कालीघाट, फोरृट विलियम, दक्षिणेश्वर काली मंदिर आदि घूमने की जगह है।
कोलकाता साहित्यिक, क्रांतिकारी और कलात्मकता में एक अलग पहचान बनाई है। शहर में नाटक, थिएटर, जात्रा की परंपरा अभी भी है। यहां आज भी कला को आगे बढ़ाने का मौका दिया जाता है। यहां का मुख्य खान-पान चावल और माछेर झोल,रोसेगुल्ला और मिष्टी दोई फेमस डिजर्ट है। बंगाली लोगों में मछली आधारित मुख्य भोजन सिरसा है। नाश्ता टाइप में बैगुनी, काॅफी रोल, पुचकार, चाइना टाउन के चीनी व्यंजन,झालमुरी, आदि पूर्वी कोलकाता में अधिक लोकप्रिय है।
रसगुल्ला तो पुरे बंगाल का फेमस है लेकिन भवानीपुर के बलराम मलिक और राधाराम मलिक के दुकान का फेमस है। यहां की रसमलाई, सोंदेश, ठंड में गुड़ के चासनी में बने रसगुल्ला ओ हो मजा आ जायेगा। चुंकि मैंने पहले बताया यह शहर सस्ता है तो अगर 100 रूपए है आपके पास तो आप आराम से 4-5 खाने के आइटम निपटा जीभ को तृप्त कर सकते हैं। यहां का स्ट्रीट फूड सबसे खास है
कोलकाता के कालीघाट के तरफ होटल कोमल विकास में केले के पत्ते में खाना पड़ोसा जाता है।एकदम साउथ इंडियन स्टाइल।जतिन दास रोड में भी बहुत सुंदर खाना मिलता है। रास बिहारी रोड में रेशमी कबाब और मुर्ग टिक्का बहुत सुंदर मिलता है। अगर आप शाकाहारी हैं तो वहां दोकर-दोलना नाम का खाना मिलता है। चाइनीज रेस्टोरेंट भी बहुत मिल जाता है। राजस्थानी खाना रसेल रोड स्थित होटल ताज में मिल जाता है।
कोलकाता के पुर्वी बंगाल मतलब बांग्लादेशी खाने का स्वाद लेना चाहते हैं तो न्यु मार्केट एरिया के मुस्ताक अहमद स्ट्रीट पर जरुर जाएं। जहां भेटकी बेक्ड फिश,केले के पत्ते में मछली लपेट कर स्टीम किया गया होता है भेंटकी पातुरी के नाम से वहां जाना जाता है,कोछु पत्ता चिन्गरी भाप्पा,प्रान्स करी,प्राॅन मलाई करी बहुत तरह की मछली खाने मिलती है। कोलकाता के जैसे रोशेगुल्ला फेमस है वहां की झालमुरही का भी ज़बाब नहीं।जो मुरही,हरी मिर्च, हरी धनिया,भूनी मूंगफली,भूना दाल,सरसो तेल,भुना मसाला मिला कर तैयार किया जाता है।
कोलकाता के काॅलेज स्ट्रीट के पास सालों पुरानी पान की दुकान है जहां बंगाल से ही नहीं दुनिया भर से लोग आए हैं। यहां 5 रुपए से 1001 रुपए तक के पान मिलते हैं। इसमें डाला जानें वाला सुपारी और मसाला का स्वाद कुछ अलग ही होता है।इसका मीठा पत्ता भूवनेश्वर से आता है।जिसे खा कर मुंह लाल नहीं होता है। डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन,डाॅ जाकिर हुसैन, इंदिरा गांधी,और ढेरों महान हस्तियों ने खाया है।
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