नवरात्रि के महाष्टमी और नवमी पर कन्या पूजन और हवन की विधि जानें

     साल 2021 आश्विन मास नवरात्रि नौ नहीं बल्कि 8 दिन का हो रहा है। आज नवरात्रि का सातवां दिन है। नवरात्रि में अष्टमी और नवमी का बहुत महत्व है। नवरात्रि 7 अक्टूबर से शुरू हो 15 अक्टूबर तक चलेगी। महाष्टमी के दिन लोग उपवास करते, कन्या पूजन भी करना चाहिए और फिर नवमी को हवन किया जाता है उस दिन भी कन्या पूजन का महत्व है।



        नवरात्रि के महाष्टमी और नवमी का शुभ मुहूर्त...


       नवरात्रि का महाष्टमी 12 अक्टूबर के रात 9.47 से शुरू हो रहा और 13 अक्टूबर के रात 8.06 तक रहेगा। इसलिए उपवास करने वाले लोग 13 अक्टूबर बुधवार को अष्टमी व्रत करेंगे। इस दिन कन्या पूजन भी कर सकते। खोइंछा भर सकते माता का पट 12 अक्टूबर देवी जागरण के साथ ही खुल जाएगा। 14 अक्टूबर को शाम 6.52 तक नवमी तिथि रहेगा। इससे पहले हवन कर कन्या पूजन कर लें।

         कन्या पूजन करते समय इन बातों का ध्यान अवश्य रखें


         नवरात्रि के अष्टमी तिथि को महाष्टमी भी कहा जाता है। इस दिन महागौरी की पूजा की जाती है। महागौरी की पूजा करने से जीवन सुखी संपन्न और आरोग्य रहता है। मां महागौरी बैल पर सवार हैं और उनका शस्त्र त्रिशूल है। माता की आराधना से मनोवांछित फल मिलता है। कथाओं में वर्णित है कि अष्टमी तिथि को ही चंड मुंड राक्षस का संसार माता ने किया। इस दिन निर्जला व्रत रखते हैं लोग, फिर कन्या पूजन करते हैं। नवमी को हवन कर माता को ‌‌‌‌‌‌लाल चुनरी ओढ़ाते। 


     नवमी के दिन हवन विधि जानें। 

        नवरात्रि के नौवें दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है। इस दिन सबेरे स्नान ध्यान कर, पंडित जी से हवन‌ कराएं। अगर कलश बैठा रहे तो ना तब खुद भी नौ ग्रह, पंच देवता, षोडशोपचार विधि से पूजन कर दुर्गा सप्तशती पाठ करें। नित्य कर्म पूजा प्रकाश में पुरा विधि दिया गया है। फिर ब्राह्मण और कन्या पूजन करें।


Post a Comment

0 Comments