नवरात्रि के अष्टमी और नौवें दिन हवन होता है। पंडित जी के द्वारा कलश स्थापना करते हैं तो पंडित जी ही हवन कर देते हैं लेकिन अगर खुद पूजा करते हैं तो हवन भी खुद कर सकते, इसमें हम आपके हवन की सामग्री, हवन की विधि सब बताएंगे। नवरात्रि के नौवें भाव मां सिद्धिदात्री की पूजा होती है। मां सिद्धिदात्री सभी मनोकामनाएं/ सिद्धि पुरी करने वाली देवी है। इसमें माता को नौ रूप शामिल होता है। इसमें पूजा करने से नौवों रुपों का फल मिलता है। इसीलिए इस दिन पूर्णीहुती हो हवन करते हैं। इस दिन अंतिम निवेदन हवन के रूप में कर माता से वरदान मांगते हैं।
हवन में आहुति की सामग्री....
हवन के लिए सबसे पहले हवन कुंड जिसमें हवन होगा। अरवा चावल, तिल, जौ, सप्त धान्य (गेहूं, काला उड़द,पीली सरसों, चना,) शक्कर, घी, आम की लकड़ी, गुगुल, धूमन, शहद, नवग्रह लकड़ी (पीपल, शमि, गुलर, बेल, कुश, मंदार ,खैर, अपामार्ग), छुहारा, किशमिश, नारियल, बादाम, मखान, धूप की लकड़ी, हवन की सामग्री पतंजलि का पैकेट आता जो हमने उपयोग किया है बहुत अच्छा रहता।
हवन करने की विधि....
सबसे पहले हवन कुंड ले जो सवा हाथ लंबा और सवा हाथ चौरा हो। लोहे की बनवा सकते हैं या फिर आंगन में गड्ढा कर सकते हैं। फिर उसको गोबर से लीप लें। अग्नि का आवाहन कर गोयठा में कपुर रख अग्नि प्रज्वलित करें। फिर अग्नि देवता का ध्यान करें। इससे पहले दुर्गा सप्तशती का पुरा 13 अध्याय पाठ करें। अर्गला, कीलक, कुंजिकास्तोत्र सब पाठ कर तब बैठे हवन पर....
दुर्गा सप्तशती में सप्तश्लोकी दुर्गा में हवन करने का मंत्र दिया गया है। ऊं ऐं ह्लीं चामुण्डायै विच्चै नमः ये बीज मंत्र है इससे हवन करें।देहि सौभाग्य मारोग्यम देहिमें परमम सुखम, रूपं देहि जयं देहि यशो देहि द्विषो जहि। - इस महामंत्र में सभी मनोकामनाएं सन्निहित हैं।
ऊपर दिए गए मंत्र के साथ अग्नि में सबकुछ मिला हुआ स्वाहा कर डालें। फिर सुखा नारियल में चाकू से गोद कर उसमें घी भरकर लाल धागे में बांध कर फिर पान, सुपारी और प्रसाद के साथ पूर्णाहुति करें।
दुर्गा सप्तशती में सप्तश्लोकी दुर्गा में हवन करने का मंत्र दिया गया है। ऊं ऐं ह्लीं चामुण्डायै विच्चै नमः ये बीज मंत्र है इससे हवन करें।देहि सौभाग्य मारोग्यम देहिमें परमम सुखम, रूपं देहि जयं देहि यशो देहि द्विषो जहि। - इस महामंत्र में सभी मनोकामनाएं सन्निहित हैं।
ऊपर दिए गए मंत्र के साथ अग्नि में सबकुछ मिला हुआ स्वाहा कर डालें। फिर सुखा नारियल में चाकू से गोद कर उसमें घी भरकर लाल धागे में बांध कर फिर पान, सुपारी और प्रसाद के साथ पूर्णाहुति करें।
0 Comments