हरतालिका तीज महिलाओं के लिए विशेष महत्व रखता है, इस दिन अपने पति के लिए पूरा दिन निर्जला उपवास करती है। हरतालिका तीज बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश के कुछ भागों में धूम धाम से मनाया जाता है। तीज की तैयारी 15 दिन पहले से शुरू हो जाती है साड़ी कपड़े उसके मैचिंग चुड़ी बिंदी सब कुछ खरीदारी होती। तीज पर नए कपड़े पहनते हैं एक दिन पहले नहाय खाय करते हैं। आइए इस पोस्ट में हम हरितालिका तीज के बारे में विस्तार से जानते हैं।
हरतालिका तीज कब है 2021 और शुभ मुहूर्त....
हरतालिका तीज 9 सितंबर गुरुवार को है। हरतालिका तीज का शुभ मुहूर्त सुबह 6.03 से 8.33 तक है। और शाम में 6.33 से 8.51 तक है। 8 सितंबर बुधवार को नहाय खाय है जिसमें बस बिना नमक के खाते हैं, पूरा दिन फल, खीर, हलुआ यही सब खाते हैं।
गणेश चतुर्थी कब है
हरतालिका तीज भादों मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है। यह व्रत पति की लंबी उम्र और सुखी दाम्पत्य जीवन के लिए किया जाता है। यह कुंवारी लड़की भी कर सकती है। इसमें भगवान शिव और तीज माता(गौरी मां) की पूजा की जाती है।
हरतालिका तीज का पूजन विधि-
तीज की दिन सुबह सुबह पोखर, तालाब या नदी जो हो वहां से पहले मिट्टी या बालू लें आएं। अगर कुछ ना है तो आंगन की मिट्टी भी ले सकते हैं। उस मिट्टी या बालू से भगवान शिव, गणेश और माता पार्वती की मूर्ति बनाएं। ओल या सुरन की डांट से तीज का चौड़ा बनाएं। एक छोटे से पीढ़ा या चौकी पर उसको रख उसमें भगवान को स्थापित करें।
फिर भगवान गणेश को तिलक और दूर्वा अर्पित करें। भगवान शिव और माता पार्वती को फूल, बेलपत्र, शमि का पत्ता, सिंदूर और श्रृंगार का सामान चढ़ाएं। फल और मिठाई से भोग लगाएं। पूआ, खीरा, चना प्रसाद रूप में वितरण करें। हर सुहागन को माता पर चढ़ा सिंदुर लगाएं। रात भर जागकर भगवान का भजन पूजन करें। दीया रात भर जलना चाहिए। पूजन शुरू करने से पहले खुद 16 श्रृंगार कर सज धज पूजा पर बैठे।
अगर अकेले रहते हैं इतना मेहनत नहीं कर सकते हैं तो पास से शिव मंदिर में भी जा कर पूजन कर सकते हैं। भगवान शिव को चमेली का फूल, लाल और सफेद आक का फूल चढ़ाएं। माता को खीर का भोग लगाएं। मैं हर साल देवघर झारखंड स्थित बाबा बैद्यनाथ मंदिर जाती हुं। इधर दो साल से तो कोरोना में बंद ही है तो घर में ही पूजा करती हुं।
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