हमारे यहां गणेश चतुर्थी का उत्सव बहुत धूमधाम से मनाया जाता है। जैसे बिहार, झारखंड, बंगाल और उत्तर प्रदेश में दुर्गा पूजा की तैयारी एक महीने पहले से शुरू हो जाती है ठीक उसी तरह महाराष्ट्र, गुजरात, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के कुछ जगहों पर बप्पा के आगमन की तैयारी होती है। बप्पा की मूर्ति घर में स्थापित कर 11 दिन पुरा महोत्सव भरा माहौल रहता है। टीवी में अक्सर फिल्मी हीरो हिरोइन के घर में बप्पा की पूजा का न्यूज पढ़ते सुनते है। हमारे यहां भी कुछ लोग बप्पा की मूर्ति बैठा पूजा करते हैं, प्रथम पूज्य भगवान गणेश की प्रतिमा लाते समय भी बैंड बाजा के साथ लाते हैं और उनको विदा करते समय भी। आइए गणेश चतुर्थी कब है और बप्पा की स्थापना का शुभ मुहूर्त विस्तार से जानें.....
गणेश चतुर्थी कब है 2021.....
भादों मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को गणेश चतुर्थी मनाया जाता है। साल 2021 में यह 10 सितंबर को हो रहा है। यह चतुर्थी से लेकर चतुर्दशी तक 10 दिन तक चलता है। गणेश चतुर्थी 10 सितंबर से शुरू होगी और 19 सितंबर को अनंत चतुर्दशी के दिन भगवान गणेश को विदाई दी जाएगी।
गणेश चतुर्थी का शुभ मुहूर्त और पूजन विधि...
गणेश चतुर्थी का शुभ मुहूर्त दिन के 12.17 से रात 10 बजे तक है। इस दिन हमें चंद्रमा नहीं देखना चाहिए। हमारे बिहार में इस दिन चौक चंदा होता है जो छठ के जैसे ही किया जाता है इस दिन व्रती फल लेकर चांद को देखते हैं और बाकी लोग जल अर्पित करते हैं। चतुर्थी का चांद बाकी लोगो को नहीं देखना चाहिए। कहा जाता है कलंक से बचने के लिए यह व्रत किया जाता है व्रती फल, खीरा, दही लेकर चांद देखते हैं। अगर गलती से चांद दिख जाए तो एक पत्थर उठा ऊपर फेंक देते हैं।
गणेश चतुर्थी पूजन में इस बात का ध्यान अवश्य रखें और गणेश जी को क्या चढ़ाएं
गणेश जी का जन्म चतुर्थी तिथि को हुआ था इसलिए उनको यह दिन विशेष महत्व रखता है। गणेश जी का पूजा दोपहर या शाम में करना चाहिए। उत्तर दिशा में बैठ कर तब भगवान का चौकी लगाएं। सबसे पहले चौकी पर लाल कपड़ा का आसान लें, अब भगवान की मूर्ति स्थापित करें।अब भगवान को सिंदूर का तिलक लगाएं, धूप-दीप, नारियल, गंध, फूल, नैवेद्य अर्पित करें।
भगवान गणेश जी को मोदक बहुत प्रिय है मोदक का भोग लगाएं। दुर्वा चढ़ाएं, मोदक ना हो तो लड्डू का भोग लगाएं। फिर गणेश जी का स्त्रोत पाठ, गणेश स्तुति और अंत में आरती करें। " ऊं गं गणपत्ये नमः" का जाप करें। ये घर में पूजा आसानी से हो जाए वो विधि है। जो हम खुद से करते हैं आप चाहें तो पंडित जी बुला और वृहत पूजा कर सकते हैं।
गणेश चालीसा, गणेश सहस्त्रनाम स्तोत्र, संकटनाशन गणेश स्तोत्र का पाठ भी कर सकते हैं। इन सब की किताब बाजार में या गुगल पर आसानी से मिल जाएगी।
आपको मेरा ये पोस्ट कैसा लगा अवश्य बताएं। कल गणेश जी को क्या चढ़ाएं प्रसन्न करने के लिए और उनके पूजा में क्या नियम बरतें ये बताएंगे। हमारे साथ बने रहे... गणपति बप्पा मोरया...
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