अनुवांशिक विकार या बिमारी-
जो बिमारी हमारे माता पिता या कुछ ऐसी बिमारी जैसे दमा, चर्म रोग खानदान में किसी को हो और उसका बिल्कुल वही रूप किसी में आए उसे अनुवांशिक रोग कहते हैं। यह बिमारी हमारे डीएनए की गड़बड़ी के कारण होती है।
अनुवांशिक बिमारी के कारण....
अनुवांशिक विकार सभी व्यक्तियों में नहीं होते, कुछ बच्चे को पहली बार उनसे ही शुरू होती जो आगे चलकर उस बच्चे से उसके वंश में किसी को हो।और कुछ बिमारी हमारे ऊपर किसी को हो तो हमें हो सकता है। अनुवांशिक बिमारी लाखों में से किसी एक को हो सकता है।
एक बच्चे को पैदा होने के लिए माता पिता दोनों का जीन लगता है। एक भ्रूण बनने के लिए 46 गुणसूत्रों की आवश्यकता होती है। यह 46 गुणसूत्र 23 जोड़ो में होते हैं जो हमारे पूर्वजों के उनके गुण और दोषों हम तक पहुंचाते हैं। हमारे डीएनए में एक हिस्सा मां का होता है और एक हिस्सा पिता का, जब भ्रूण बनता है तो ये 23 जोड़े मतलब 46 गुणसूत्र दोनों सही रुप से एक जगह मिलते हैं तो भ्रूण बनता यही एक जोड़ा अगर तीसरे किसी जोड़े मिल जाता तो अनुवांशिक विकार उत्पन्न हो जाता है। माता या पिता में से किसी एक को कोई बिमारी है तो वह बच्चा में आ जाता।
अनुवांशिक विकार में कौन कौन बिमारी आती है...
* आंखों का रोग
* ह्रदय रोग
* चर्म रोग
* खून के रोग जैसे थैलीसीमिया
* डायबिटीज़
* पार्किसंस रोग
* मानसिक बिमारी
* डाउन सिंड्रोम
* हीमोफीलिया
* बौनापन
* जुड़वां बच्चे होना
* दांतों के रोग
2 Comments
यह ब्लॉग निश्चित रूप से आप का बहुत बड़ा प्रयास है। कृपया अपडेट रखें!
ReplyDeleteSorry delete ho gya..aaj pura mil jayega
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