रामनवमी कब है 2023 शुभ मुहूर्त और कैसे होती है पूजा जानें

      रामनवमी हमारे यहां बहुत धूमधाम से मनाई जाती है, इस दिन हमारे गांव के लगभग सभी लोग मंदिर पर जमा होते और वही हनुमान जी का पताका फहराया जाता है। हमारे यहां मंदिर पर पुरे गांव का एक जगह ही ध्वजारोहण जिसमें नया बांस जिसमें मुंज का रस्सी लपेटा रहता है, पुरे बांस को धो कर उसमें सिंदुर, चावल पीसा हुआ लगाया जाता और सबसे ऊपर हनुमान जी का पताका लगाया जाता है फिर पंडित जी पुरे मंत्रोच्चार से पूजा करते सब बांस को एक जगह ही गड्ढा कर के डाला जाता है जो कि पुरे साल रहता है। रोज उसमें सुबह शाम पूजा आरती होता है बहुत मन लगता है। बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश यहां लगभग घरों में ऐसे ही रामनवमी मनाया जाता है।

      रामनवमी कब है 2023.....

     रामनवमी भगवान राम के जन्मोत्सव के लिए मनाया जाता है। चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को भगवान राम का जन्म हुआ था। साल 2023 में नवमी तिथि 29 मार्च 2023 बुधवार को रात 09.07 से शुरू हो रहा है और 30 मार्च गुरुवार रात 11.30 तक रहेगा। इसलिए रामनवमी 30 मार्च को मनाया जाएगा।

       इस साल रामनवमी में बहुत सारे शुभ योग बन रहे हैं, सर्वार्थ सिद्धि योग, गुरु पुष्य योग, रवि योग, अमृत सिद्धि योग और गुरुवार दिन पांचों योग एक साथ बन रहा है, भगवान राम की पूजा इसलिए शुभफलदाई होगी।


      रामनवमी पूजा कैसे होती है.....

  पूजन सामग्री - फूल, माला पीले रंग का, तुलसी पत्ता, लड्डू, खीर, मिठाई, फल, कमल फूल,रोली चंदन, अक्षत, धूप, अगरबत्ती, केला पत्ता, दीप, गंगा जल, भगवान राम, सीता, हनुमान जी की मुर्ति या फोटो। 

      सबसे पहले स्नान ध्यान कर स्वच्छ कपड़े पहने, फिर आचमन करें, भगवान को दूध, दही, घी, शहद, गंगा जल से स्नान कराएं, फिर एक नये लाल कपड़े से पोंछ भगवान को आसन, मौली वस्त्र रुप में, जनेऊ, पान, कसेली, दक्षिणा दें।धूप, दीप दिखाएं। तब उनपर फल, फूल, तुलसी पत्ता, प्रसाद का भोग लगाएं। कन्या भोजन कराएं। रामरक्षा स्तोत्र पाठ या रामायण पाठ कर क्षमा याचना करें। जय श्री राम...

     दीनदयाल बिरिदू संभारी, हरहू नाथ मम संकट भारी - जब कभी जीवन बहुत संकटों से गुजर रहा हो इस मंत्र का जाप करें, सारे संकटों से छुटकारा मिलेगा।

    ऊं रामभद्राय नमः -  इस मंत्र का 108 बार जाप करें जीवन में चल रही तकलीफ दूर होगी।

     रां रामाय नमः - मंत्र का जाप करने से धन,‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌ संपत्ति, पूत सब स्थायी रहते हैं विपत्ति का नाश होता है।

    ऊं रामचंद्राय नमः - घर में क्लेश हो, पारिवारिक कलह हो इस मंत्र का जाप करें।

                

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