कुलदेवी कुलदेवता की पूजा क्यों है जरूरी जानें

      जब हम कोई भी छोटा से छोटा या बड़ा से बड़ा पूजा करते हैं जैसे शादी, विवाह, उपनयन, जन्म संस्कार, मृत्यु संस्कार या जो शुभ कार्य करे तो सब देवी देवता से पहले हमारे कुलदेवी कुलदेवता का आवाहन किया जाता है। पहले हमारे कुलदेवी कुलदेवता को पूजा जाता है तब भगवान की पूजा करते हैं क्या आपको पता है ऐसा क्यों करते हैं आज हम इस पोस्ट में कुलदेवी कुलदेवता की पूजा क्यों करते हैं, हमारे कुलदेवी कुलदेवता कौन है ये सब की जानकारी विस्तार से बताएंगे। आजकल ज्यादातर लोग अपने घरों से दूर कहीं रहते हैं वहां अपने कुलदेवता कुलदेवता की पूजा नहीं करते जिस कारण आए दिन किसी न किसी संकट से घिरे रहते हैं आइए उसका कारण और निवारण भी जानें....


        कुलदेवी कुलदेवता कौन है.....

    कुलदेवी कुलदेवता कुल, #वंश के रक्षक देवता होते हैं, हमारे हिन्दू धर्म में हर व्यक्ति, परिवार किसी भी जाति धर्म का हो सारे किसी ना किसी ऋषि या ऋषि पत्नी के वंशज हैं। हमारे जो पूर्वज थे वो अपने कुल, परिवार की रक्षा के लिए अपने वंश के श्रेष्ठ जो ऋषि मुनि या उनमें एक विशेष शक्ति थी, उनके ऊपर भगवान की विशेष कृपा थी, जो मरने के बाद भी परिवार कुल की रक्षा पारलौकिक शक्ति द्वारा करते आएं हैं। हर परिवार के अपने कुल देवी कुल देवता हैं। 

       ज्योतिष बताते हैं कि #कुलदेवी #कुलदेवता हमारी रक्षा नकरात्मक ऊर्जा से, बाहरी बाधा, परिवार में किसी तरह के बुरी घटना होने से पहले हमारी रक्षा करते हैं, कुछ बुरा होने वाला होता है तो आगाह कर देते हैं। आज एकल परिवार बन रहे, जाति विजातीय विवाह हो रहे, लोग अपना घर छोड़ दूर बस रहे तो अपने कुल देवी कुल देवता को जानते तक नहीं, पूजा करना तो दूर की बात है जिसका दुष्प्रभाव बाद में देखने को मिलता है।

        हमारे कुलदेवी कुलदेवता कौन है कैसे पता करें....

     हमारे #कुलदेवी #कुलदेवता के बारे में जानने के लिए सबसे पहले हमारा मूल कहां है, हम कहां के रहने वाले थे वहां जाना होगा वहां हमारे वंशज के कुछ मूल अवश्य रहते होंगे उनसे हमें हमारे कुलदेवी कुलदेवता की पूर्ण जानकारी मिल सकती है। जैसे मान लिजिए हमारे 4-5 पुस्त ऊपर बिहार से उठ कर झारखंड में बस गये, उन्होंने अपना घर, मकान सब भूला दिया ऐसे में कुल देवी कुल देवता का पता लगाना बहुत मुश्किल है, इसलिए कहा जाता है कि अपना इतिहास बच्चों को अवश्य बताएं कि कहां हमारा मूल है। ऐसे हालात में भगवान शिव को अपना सब कुछ मान पूजा कर सकते हैं।


      कुलदेवी के आशीर्वाद से ही मेघनाथ ने भगवान राम और लक्ष्मण को भी बांध दिया था....


     जब श्रीराम जी माता सीता को लंका से छुड़ाने आए थे तो भगवान #राम #लक्ष्मण ने बहुत सारे राक्षसों का वध कर दिया, तब #रावण अपने प्रिय पुत्र #मेघनाथ को युद्ध के लिए भेजा। मेघनाथ भी बहुत शक्तिशाली था, उसे अपने कुल देवी का आशीर्वाद प्राप्त था कि जिस युद्ध में अपने कुल देवी #निकुंबला देवी का यज्ञ करके जाएगा उस युद्ध में उसको हराना असंभव होगा। उसी कारण पहले दिन #भगवानराम और #लक्ष्मण को बांध दिया, दुसरे दिन लक्ष्मण को बेहोश कर दिया तीसरे दिन युद्ध में जाने से पहले #यज्ञ करने जाता कि उसे लक्ष्मण जी और सभी वानर रूप सहित यज्ञ के रोक दिए, यज्ञ ध्वंस कर दिये तब वो युद्ध में मारा गया, ना तब अगर वो अगर अपने कुल देवी की पूजा कर लेता तो उसे हराना मुश्किल हो रहा....

       आपको मेरा ये पोस्ट कैसा लगा कमेंट कर अवश्य बताएं, कुल देवी कुल देवता के बारे में और भी बातें हैं वो अगले पोस्ट में बताएंगे, आपको ये पसंद आया तो आगे जारी रखेंगे।आप भी अपने कुल देवी कुल देवता के बारे में और जानना चाहते हैं या जानते हैं तो अवश्य बताएं....

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