हिंदू धर्म के अनुसार हर माह का एक अलग महत्व है। सावन और कार्तिक मास को सबसे धार्मिक मास में गिना जाता है। सावन माह भगवान शिव की पूजा अर्चना के लिए माना जाता है। इस मास हर ज्योतिर्लिंग और शिवालयों पर बहुत भीड़ रहती है। भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए इस माह विशेष पूजा लोग करवाते हैं। सावन माह में कांवर यात्रा हमारे यहां होता सुल्तानगंज से गंगा जल भर 105 किलोमीटर पैदल यात्रा कर देवघर बाबा बैद्यनाथ पर जल चढ़ाने कांवड़िए आते हैं। आइए सावन मास के बारे में विस्तार से जानें....
बाबा बैद्यनाथ मंदिर
कब से शुरू हो रहा है भगवान शिव का प्रिय माह सावन....
सावन माह 14 जुलाई 2022 को शुरू हो रहा और 12 अगस्त 2022 को समाप्त होगा। इस साल 4 सोमवार सावन मास में होंगे। पंचांग के अनुसार सावन 13 जुलाई रात 12.06 में ही प्रतिपदा तिथि शुरू हो 14 जुलाई रात 08. 16 तक व्याप्त रहेगा इसलिए 14 जुलाई को उदयतिथि माना जाएगा।
कब कब है सावन सोमवार
18 जुलाई - सावन का पहला सोमवार
25 जुलाई - सावन का दुसरा सोमवार
01 अगस्त - सावन का तीसरा सोमवार
08 अगस्त - सावन का चौथा सोमवार
12 अगस्त - सावन पूर्णिमा और रक्षाबंधन शुक्रवार को...
02 अगस्त मंगलवार को नागपंचमी पर्व मनाया जाएगा। सावन माह में नाग देवता की पूजा का भी महत्व है। इस महीने में नाग या किसी सांप को नहीं मारना चाहिए। नाग देवता को दूध धान का लावा चढ़ाना चाहिए। सोमवार को आसपास के किसी शिव मंदिर में जलाभिषेक अवश्य करना चाहिए।
सावन माह का महत्व और भोलेनाथ को प्रसन्न करने के उपाय.....
सावन माह जिसे श्रावण मास भी कहते हैं। यह मास भगवान शिव का प्रिय माह है, इस मास में भगवान शिव को आसान उपाय अपनाकर प्रसन्न कर सकते हैं। आषाढ़ मास की योगिनी एकादशी को जब भगवान विष्णु 4 मास से लिए क्षीर सागर में निद्रा में चले जाते हैं तो भगवान शिव ही इस समय धरती का कार्यभार देखते हैं, माता पार्वती और भगवान भोलेनाथ स्वयं इस मास धरती पर ही विचरण करते हैं। ऐसा बहुत लोगों का मानना है इसलिए सावन भादो में शिवालयों में भीड़ रहती है।
भगवान भोलेनाथ तो भोले हैं उनको एक लोटा जल भी मन से अर्पित कर दें तो प्रसन्न हो जाते हैं। बाबा भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए पुरे सावन आप किसी शिवलिंग या ज्योतिर्लिंग पर बेलपत्र और गंगाजल से जलाभिषेक अवश्य करें।
सावन माह में पंचामृत से अभिषेक करना श्रेष्ठ माना जाता है। इससे घर और जीवन में शांति रहती है। सावन माह के सभी सोमवार को व्रत अवश्य रखना चाहिए, कुंवारी कन्या के लिए यह माह वरदान से कम नहीं है इस मास हर रोज पूजा अर्चना करने से मन वांछित पति मिलते हैं। शादी शुदा के जीवन में भी खुशियाली आती है।
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