भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए बेलपत्र चढ़ाया जाता है। सावन मास में पुरे मास भगवान को बेलपत्र चढ़ाने से आपके सारे कष्ट दूर होते हैं। बेलपत्र को श्रीवृक्ष भी कहा जाता है, इसका हर भाग पूजनीय है बेलपत्र के जड़ में माता लक्ष्मी का वास होता है। बेलपत्र के तीन पत्ते भगवान शिव के तीन नेत्र का प्रतीक माना जाता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार कांटे वाले वृक्ष घर में नहीं लगाना चाहिए लेकिन बेलपत्र लगाना शुभ फल दायी होता है। आइए बेलपत्र के ये कुछ उपाय करें जिससे आपके घर में सुख शांति और समृद्धि बनी रहेगी।
कहा जाता है कि समुद्र मंथन से निकले विष को जब भगवान शिव ने पी लिया था तो गले में जलन हो रही थी। बेलपत्र में विष निवारण गुण है इसलिए तब से उनको बेलपत्र चढ़ाने की परंपरा शुरू हुई।
बेलपत्र के ये उपाय करें -
* अगर आप दरिद्रता दूर करना चाहते हैं तो बेल-वृक्ष के जड़ के पास किसी को खीर, अनाज , घी दान करें। आपके धन अभाव के कष्ट दूर हो जाएंगे।
* रविवार और द्वादशी को बेल वृक्ष की पूजा करनी चाहिए। इसकी पूजा से ब्रह्महत्या का महापाप भी नहीं लगता है।
* रोज बेल की जड़ की पूजा करें आपको पापों से मुक्ति मिलती है। बाबा भोलेनाथ की कृपा प्राप्त होती है।
* बेल वृक्ष और सफेद आक एक साथ लगाने से माता लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है।
* संतान प्राप्ति के लिए बेल वृक्ष पर फूल, जल, धतुरा, दीप, गंध चढ़ाएं।
* बेल वृक्ष हमेशा घर के उत्तर पश्चिम दिशा में लगाना चाहिए। इससे यश बढ़ता है। उत्तर दक्षिण हो तो सुख शांति और मध्य में हो तो जीवन में मधुरता है।
* जीवन में परेशानी दूर करनी हो तो बेल वृक्ष में चीनी पानी मिलाकर चढ़ाएं और 7 बार परिक्रमा करें।
* बेलपत्र अगर भगवान को चढ़ाएं तो देखें उसमें छेद ना हो, कटा फटा ना हो। शिवलिंग पर चिकना साइड से ही बेलपत्र चढ़ाएं।
* बेलपत्र को सोमवार, चतुर्थी, अष्टमी, नवमी, चतुर्दशी और अमावस्या तिथि को नहीं तोड़ना चाहिए।
* बेलपत्र चढ़ाने जाने के बाद उसे धो कर फिर से चढ़ा सकते हैं। बेलपत्र कभी जुठा नहीं होता।
* बेल वृक्ष के जड़ की एक गांठ को सफेद धागा में बांध कर रविवार को पहनने से बीपी, अत्यधिक क्रोध और शारीरिक कष्ट दूर रहता है।
* तृतीय तिथि को भगवान कुबेर को बेलपत्र चढ़ाने से ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है।
* बेल वृक्ष की जड़ का को घिसकर सर पर लगाने से समस्त तीर्थों का फल मिलता है।
* बेलपत्र पर ऊं लिख कर चढ़ाएं तो भगवान शिव जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं।
* बेलपत्र चार तरह के होते हैं अखंड बेलपत्र, तीन पत्ते वाले बेलपत्र, 6-21 पत्तों के बेलपत्र और सफेद बेलपत्र। अखंड बेलपत्र लक्ष्मी सिद्ध है, यह एक मुखी रुद्राक्ष के सामान होता है।यह वास्तु दोष दूर करता है, गल्ले में रख कर रोज पूजा करने से व्यापार लाभकारी रहता है। 6-21 वाले बेलपत्र नेपाल में पाए जाते हैं।
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