अगर शिवलिंग गिरकर खंडित हो जाए तो क्या करना चाहिए

       हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार शिवलिंग पुरे ब्रह्मांड का प्रतीक है। जिसका ना कोई आदि है ना कोई अंत। हम भगवान शिव की पूजा दो रूपों में करते हैं एक उनकी मुर्ति की पूजा और एक उनको शिवलिंग रूप में पूजते हैं। शिवलिंग में पूजा करने से भगवान शिव जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं। इसलिए आप अपने गली, मुहल्ले में भगवान शिव के मंदिर में शिवलिंग देखें होंगे। मुर्ति वाले शिव जी कम ही दिखते। 

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       अक्सर सवाल आता कि अगर शिवलिंग खंडित हो जाए तो क्या उसको पूजा कर सकते हैं। जैसे कि हमारे पुराणों में वर्णित है कि मुर्ति खंडित हो तो उसकी पूजा नहीं करनी चाहिए। जैसे हम भगवान की मूर्ति स्थापित करते हैं तो उसमें प्राण प्रतिष्ठा करते हैं अगर वो किसी कारण वश टुट गया तो वो मूर्ति से प्राण निकल गया अब वो पूजन योग्य नहीं है इसलिए उसे किसी वृक्ष के नीचे या नदी में प्रवाहित कर देना चाहिए।


      शिवलिंग में लेकिन ये नियम लागू नहीं होता है। शिवलिंग खंडित हो जाए तो भी वो पहले की तरह ही पवित्र और पूजनीय होता है। क्योंकि हम शिवलिंग की जो पूजा करते हैं वो ब्रह्मरुप है,  निराकार रूप है, इसका ना आरंभ है ना अंंत है। शिवलिंग का‌ ना रूप है ना आकार है।


       शिवलिंग कितना भी खंडित हो जाए उसकी मान्यता वही रहती है, उसकी पूजा करने से उतना ही फल मिलेगा जितना पुरे शिव लिंग की पूजा करने से। भगवान शिव का‌ ना कोई रुप है ना कोई आकार है। ना कोई रंग है‌ वो हर‌ जगह है, हर चीज हर कण में है। बहुत सा ऐसा मंदिर है जिसका महात्म्य बहुत है वहां आज भी खंडित शिवलिंग पर ही पूजा होता है।


       झारखंड स्थित देवघर जिले के वासुकीनाथ मंदिर जिसका शिवलिंग खंडित है उसपर चांदी का नाग पहनाया हुआ है। झारखंड के ही गोइलकेरा में महादेवशाला धाम में भी खंडित शिवलिंग की पूजा होती है। यहां तो शिवलिंग दो टुकड़ों में कटा है फिर भी पूजा होती है। हिमाचल के कुल्लू में भी एक शिवलिंग है जो हर साल टुटता है जिसे फिर मक्खन से जोड़ा जाता है। 

      इन सब मंदिरों के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे अवश्य लेकिन अभी देवघर जिले के वासुकीनाथ मंदिर और बाबा बैद्यनाथ मंदिर के बारे में मेरे इस ब्लाग पर पढ़ सकते हैं।

         शिवलिंग को लेकर कुछ महत्वपूर्ण बातें अवश्य जानें......



        * बहुत लोग घर में शिवलिंग रखते हैं तो घर में रखने वाला शिवलिंग अंगुठे से बड़ा नहीं होना चाहिए।

       * शिवलिंग किसी भी दिशा में स्थापित करें लेकिन भारत हमेशा उत्तर की दिशा में रहें।

       * बाजार में काला या सफेद पत्थर के शिवलिंग आसानी से मिल जाते हैं लेकिन अगर हो सके तो स्फटिक या पारद शिवलिंग की पूजा करें।

        * शिवलिंग को बेडरूम में नहीं रखना चाहिए उन्हें पूजा रूम में रखें। उन्हें माता पार्वती और गणेश जी के साथ रखें।

       * शिवलिंग पर कभी भी सेमल, कदम्ब, केतकी, नहीं चढ़ाना चाहिए।

        * शिवलिंग पर चढ़ा हुआ प्रसाद‌ नहीं खाना चाहिए।‌ अगर इसके बारे में जानना चाहते हैं तो कमेंट अवश्य करें। आपको मेरा पोस्ट कैसा लगा कमेंट, शेयर और सब्सक्राइब करें।

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