शरीफा सबसे शरीफ फल... देखने में हरा जिसमें काले रंग का धब्बा, अंदर से सफेद मीठा गुदों से भरा, स्वास्थ्य के हिसाब से बहुत ही उपयोगी फल है। शरीफा को सीताफल, कस्टर्ड एप्पल कहते हैं।शरीफ ये इस हिसाब से होता है इसे लगाने में जरा भी मेहनत नहीं लगता बस इसके बीज को यूं ही फेंक दीजिए 45 दिन में पौधा बन निकल आएगा, फिर कोई मेहनत नहीं 4-5 साल होते होते फल आने लगते हैं। अभी बारिश का मौसम है अभी ये फल बहुत मिलते हैं बस एक बार बीज खा कर जमीन पर फेंकिए और बारिश अपने पानी से सींच कर पौधा बना देगी।
सीताफल छठ के अवसर पर भी भगवान को चढ़ाते हैं। पौराणिक कथाओं में भी इसका जिक्र है। सीताफल आजकल किसानों को भी खूब फायदा दे रहा बहुत लोग इसकी खेती करते हैं। आप भी चाहें तो 2-3 एकड़ में अगर पेड़ लगा दे तो सलाना 1-1.5 लाख तक कमाई कर सकते हैं। आइए जानते हैं शरीफा के फायदे...
सेहत के लिए वरदान है शरीफा जानें इसके फायदे और नुक्सान....
* शरीफा में भरपूर मात्रा में कैल्शियम, मैग्नीशियम, फाइबर, विटामिन बी-6, पोटैशियम, विटामिन ए, सी, आयरन, काॅपर, एंटी-ऑक्सीडेंट के गुण, प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, फास्फोरस, जिंक, थियामिन, नियासिन, राइबोफ्लेविन आदि पाया जाता है।
* सीताफल वजन बढ़ाने, आंखों की रोशनी बढ़ाने, गठिया दूर करने, ब्लड प्रेशर और शुगर कंट्रोल करने, खून की कभी दूर करने, रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने, एनर्जी बढ़ाने, चिड़चिड़ापन दूर करने जैसे और भी बहुत औषधीय गुण से भरा है।
* गंजापन दूर करने के लिए सीताफल के बीज को बकरी के दूध में पीसकर लगाएं।
* गर्भावस्था में शरीफा बहुत फायदेमंद साबित होता है रोज कम से कम दो शरीफा अवश्य खाना चाहिए। जिससे बच्चे का विकास तेजी से होता है साथ ही साथ प्रतिरक्षा प्रणाली भी विकसित होता। गर्भवती मां को खून की कमी नहीं होगी।
* अभी कोरोना में हमारा इम्यून सिस्टम अहम भूमिका रखता है। इसलिए रोज शरीफा खाएं ये आपका इम्यून सिस्टम मजबूत बनाने में मदद करता है।
* सीताफल ब्लडप्रेशर और कोलेस्ट्रॉल कम कर हृदय के लिए लाभदायक है। मैग्नीशियम की कमी से कमजोरी और थकान महसूस होता है जिससे जोड़ का दर्द भी होता है इसलिए सीताफल इन सब में लाभदायक है।
* फाइबर की मात्रा रहने से पाचन तंत्र ठीक रखता है। मैग्नीशियम अपच और कब्ज दूर करता है।
* विटामिन ए की मौजूदगी से स्कीन, बाल और आंखों के लिए बहुत फायदेमंद है। विटामिन सी और रिबोफ्लेविन है जो आंखों की रोशनी बढ़ाता है।
* लगातार दस्त हो रहा हो तो सीताफल के पेड़ के तने का काढ़ा बना आधा गिलास पीएं फायदा होगा।
* स्कीन पर फोड़ा, घाव या सुजन हो तो सीताफल के पत्ते का पेस्ट लगाएं। यह झुरियां से भी बचाता है।
* कफ से छुटकारा पाने के लिए सीताफल के तनों को चबाएं। यह अस्थमा में भी लाभ पहुंचाता है। एंटी-ऑक्सीडेंट गुण के कारण यह स्वांस नली का संक्रमण बचाता है।
* जो लोग मोटापे से परेशान हैं उनको सीताफल नहीं खाना चाहिए। यह वजन बढ़ाने में सहायक होता है।
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