गणेश चतुर्थी पूजन पर इन बातों का ध्यान अवश्य रखें और गणेश जी को ये चीजें भोग लगाएं

      10 सितंबर को गणेश चतुर्थी है। भगवान गणेश सबसे पहले पूजे जाने वाले भगवान है। बप्पा को विघ्नहर्ता कहते हैं इसलिए हर शुभ कार्य से पहले इनकी पूजा करते हैं। भगवान गणेश जी की पूजा करने से हमारे घर में ऋद्धि सिद्धि वास करते हैं। गणेश चतुर्थी पर भगवान गणेश की मूर्ति, आसन और भोग सब उनके पसंद का हो इस बात का ध्यान अवश्य रखना चाहिए। जिससे भगवान प्रसन्न हो और हम पर अपनी कृपा दृष्टि बनाए रखें। हम इस पोस्ट में गणेश चतुर्थी पर भगवान की स्थापना से पहले कुछ बातों का ध्यान अवश्य रखना चाहिए और गणेश जी को क्या क्या भोग लगाएं इसके बारे में विस्तार से बताएंगे। आप बने रहिए हमारे साथ...

       गणेश चतुर्थी पूजन पर इन बातों का ध्यान अवश्य रखें....


         * भगवान गणेश जी की मूर्ति खरीदते समय ये अवश्य ध्यान रखें कि वो मूर्ति में भगवान गणेश बैठे हुए हो। अगर ऑफिस के लिए मूर्ति लें रहे हैं तो जो प्रतिमा खड़ा हो वो लें इससे ऑफिस में सफलता और तरक्की मिलती है।

         * गणेश जी की मूर्ति में सूंड हमेशा देख कर लें जो बायीं ओर घूमी हो। जिस मूर्ति में सूंड दायीं ओर घूमी हो वो मूर्ति ना लें उस वाले गणपति जी की पूजा के लिए विशेष नियमों का पालन करना होता। 

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        * गणेश चतुर्थी पर भगवान गणेश जी की मूर्ति मिट्टी या मदार की जड़ का लाएं। या आजकल चाॅकलेट, बटर आदि चीजों की मूर्ति भी मिलती है। पीतल, चांदी का भी ले सकते हैं। गाय के गोबर से बनी मूर्ति सबसे शुभ होता है। क्रिस्टल का मूर्ति भी रख सकते हैं।

       * भगवान गणेश जी की पूजा में हमेशा लाल और पीला कपड़ा का उपयोग करें। शुभ होता है भगवान की आसन या उनको इसी रंग के कपड़े पहनाएं। खुद भी पीला पहने तो ज्यादा अच्छा है नीला और काला कपड़ा पहनने से बचें।

       * माना जाता है कि भगवान गणेश की पीठ में दरिद्रता का वास होता है इसलिए ध्यान रखें कि भगवान का पीठ दीवार साइड हो। मूर्ति का मूख कभी दरवाजे की ओर नहीं होना चाहिए। कहा जाता है भगवान गणेश जी की मुख की ओर सौभाग्य और सुख होता है।

        * गणेश जी की मूर्ति को अपने घर में 1,2,3,5,7,या 10 दिन तक रखें, फिर विधि पूर्वक विसर्जन कर दें। 

       * भगवान गणेश जी की मूर्ति हमेशा साफ सुथरी जगह पर रखनी चाहिए। 

        * गणेश जी की मूर्ति स्थापित करने से पहले रोली या कुमकुम से स्वास्तिक का चिन्ह बनाएं। गणेश जी को कभी भी तुलसी का पत्ता नहीं चढ़ाना चाहिए।

        * घर में गणेश जी को स्थापित कर घर कभी भी अकेला नहीं छोड़ना चाहिए। अखंड दीप जले, सुबह-शाम आरती करें।

        * गणेश जी की मूर्ति हमेशा उत्तर पूर्व कोने में रखें। यह दिशा सबसे उत्तम है। ऐसे घर में जगह के हिसाब से पूर्व या पश्चिम में रख सकते हैं।बस दक्षिण दिशा में बिल्कुल नहीं रखें। भगवान गणेश की मूर्ति का पैर हमेशा जमीन से स्पर्श कर रहे हों।

       * गणेश जी की मूर्ति के साथ लड्डू या मोदक, चूहा, और एक दंत अवश्य हो उसके बिना मूर्ति अधुरी मानी जाती है।

       * गणेश जी की मूर्ति हमेशा नदी या तालाब में विसर्जित करना चाहिए।

         गणेश जी को ये चीजें भोग लगाएं....

    गणेश जी को मोदक सर्वाधिक प्रिय है लेकिन उसके अलावा भी कई ऐसी चीजें हैं जो उनको बहुत पसंद हैं। इसलिए गणेश जी को मोदक, बेसन के लड्डू, मोतीचूर के लड्डू, मावा लड्डू, कलाकंद, श्रीखंड, खीर, केला, नारियल, घी, दूर्वा घास, रवा पोंगल, मखाने की खीर, मिश्री बताश , पीले रंग की मिठाई आदि भोग लगाएं।
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