कोरोना के बाद एक और वायरस फिर से आतंक मचाने के लिए रेडी है। जीका वायरस अभी भारत में बस केरल में आया है वहां की सरकार ने 50 लोगों को जीका वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि की है। सबसे पहले जीका वायरस 7 जुलाई को एक प्रेगनेंट महिला में पाया गया। जीका वायरस कोरोना के जैसे भयंकर तो ना है लेकिन सही समय पर इलाज नहीं मिलने पर मौत भी हो सकती है। आइए विस्तार से जानते हैं जीका वायरस क्या है, इसके लक्षण और कारण क्या है। जीका वायरस से बचने के उपाय.…...
जीका वायरस क्या है.....
जीका वायरस एडीज एप्टी नाम के मच्छर काटने से फैलता है। जीका वायरस 1947 में युगांडा के जीका जंगल में सबसे पहले मिला था इसलिए इसका नाम जीका रखा। इसका जीन डेंगू, चिकनगुनिया और येलो फीवर या जापानी बुखार से मिलता है। यह प्रेंग्नेंट महिला के लिए ज्यादा खतरनाक है अगर उनको काट लें तो होने वाले बच्चे को माइक्रोकेफेली और कुछ विकृति आ सकती है। यह अभी दुनिया के 23 देशों में अपना पैर फैला चुका है।
Zika virus जीका वायरस के कारण क्या है.....
जीका वायरस मच्छर से फैलने वाला बिमारी है। यह एडीज मच्छर के काटने से फैलता है।यह कोई संक्रमण रहित मच्छर जब किसी जीका संक्रमण वाले व्यक्ति को काटता है तो वायरस मच्छर को भी संक्रमित कर देता है और फिर यह मच्छर जिसको काटता वो जीका वायरस का शिकार हो जाता। मतलब यह स्लाइवा और सीमेन जैसे लिक्विड के आदान प्रदान से फैलता। यह एडीज मच्छर ज्यादातर दिन में काटता है। संक्रमित व्यक्ति से संबंध बनाने या किस करने या खून के संपर्क में आने से भी ये फैलता है।
जीका वायरस के लक्षण और बचाव.....
जीका वायरस का संक्रमण कोरोना वायरस के जैसे ही 3-14 दिन में पता चल जाता है। यह डेंगू,चिकनगुनिया जैसे ही लगते हैं, तेज बुखार, थकान महसूस हो, शरीर में लाल चकत्ते, जोड़ का दर्द, सर में तेज दर्द जैसे लक्षण दिखाई दें तो डॉक्टर से संपर्क करें।
जीका वायरस का कोई दवा तो नहीं है लेकिन इससे बचने के लिए मच्छर काटने से बचना चाहिए। घर में मच्छरदानी, काला हिट, मच्छर भगाने वाली अगरबत्ती ये सब का उपयोग करें। बुखार में कमजोरी आती इसलिए भरपूर आराम करें, शरीर डिहाइड्रेट ना हो इसलिए लिक्विड की मात्रा बहुत लें। डाक्टर से परामर्श कर के दवा सही लें।
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