आषाढ़ गुप्त नवरात्रि- कब शुरू होगा और कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त जानें

    आषाढ़ गुप्त नवरात्रि- इसके बारे में आप सब अवश्य सुनें होगें। साल में चार नवरात्रि होती है, दो नवरात्रि तो सार्वजनिक तौर पर होता है लेकिन दो नवरात्रि गुप्त रूप से होता है। इस गुप्त नवरात्रि में सिद्ध प्राप्ति के लिए पुजा किया जाता है। गुप्त नवरात्रि माता कामाख्या देवी में होता है जहां सिद्धि प्राप्त करने अभी बहुत से लोग आते हैं। हम इस पोस्ट में आपको आषाढ़ गुप्त नवरात्रि कब शुरू होगा और कलश स्थापना के शुभ मुहूर्त के बारे में विस्तार से बताएंगे।

      आषाढ़ गुप्त नवरात्रि कब शुरू होगा.....

   आषाढ़ गुप्त नवरात्रि- आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष के प्रतिपदा से नवमी तिथि तक चलती है। इस बार साल 2022 में यह 30 जून शुक्रवार  से 9 जुलाई शनिवार तक चलेगा। इस नवरात्रि में तंत्र मंत्र सिद्धि के लिए पूजा होती है। 

माता के शक्तिपीठ के बारे में

      आषाढ़ गुप्त नवरात्रि में माता के कौन से रुप की पूजा की जाती है....

      इस नवरात्रि में मां कालिके, त्रिपुर सुंदरी, भुवनेश्वरी माता, तारा देवी, छिन्नमस्ता माता, धुमावती माता, त्रिपुर भैरवी, बंगलामुखी, कमला और मातंगी माता का पुजा विशेष तौर पर किया जाता है। अगले पोस्ट में इन‌ सबके मंदिर के बारे में अवगत कराऊंगी।


      आषाढ़ गुप्त नवरात्रि- कलश स्थापना शुभ मुहूर्त..

    कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त 30 जून शुक्रवार को सुबह 5.14 से 11.33 तक है। गुप्त नवरात्रि साल में दो बार की जाती है माघ मास में और आषाढ़ मास में।


       गुप्त नवरात्रि का महत्व जानें.....

    शारदीय नवरात्र और चैत्र नवरात्र लगभग लोगों के घर में पूजा होती है। कलश स्थापना करें ना करें लेकिन पुरे नौ दिन लोग सुबह शाम माता के आरती भजन अवश्य करते। लेकिन ये गुप्त नवरात्रि खास काम के लिए बस तंत्र मंत्र सिद्धि के लिए पुजा किया जाता है।

       गुप्त नवरात्रि पुरे विधि विधान से माता की पूजा करने से सारी मनोकामना पूरी होती है। पूजा का फल जल्दी और दोगुना मिलता है। गुप्त नवरात्रि आप किसी मंदिर में भी पंडित जी द्वारा करवा सकते हैं। गुप्त नवरात्रि में हम गुप्त सिद्धियां और चमत्कारी शक्तियों के मालिक बन जाते हैं इसलिए ये पूजा ज्यादा तर अघोरी और तंत्र शक्ति सिद्ध करने वाले लोग करते हैं।

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