आजाद भारत में पहली बार किसी महिला को फांसी देने की तैयारी- शबनम

     आजाद भारत में पहली बार किसी महिला को फांसी देने की तैयारी चल रही है। एक औरत जहां दुसरों को जिंदगी देने के लिए महान मानी जाती है वहीं ये औरत 7 लोगों को मौत की नींद सुला दी। वो कहते हैं ना प्यार आदमी से कोई भी काम करा सकता, औरत जहां प्यार की मुरत कहलाती है ये तो प्यार को बदनाम करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। आइए शबनम और सलीम की कहानी जानते हैं जिसने अपना प्यार पाने के लिए 7 मासुम लोगों की हत्या कर दी,आज फांसी के फंदे आ पहुंची।

      आजाद भारत में पहली बार किसी महिला को फांसी- शबनम

 

     ये कहानी है उत्तर प्रदेश के ‌अमरोहा के हसनपुर तहसील के बाबनखेड़ी की वो रात। साल 2008 अप्रैल का महीना 14वीं तारीख थी‌ जब‌ एक रात में इस घर से 7 लाशें निकली थी। आज भी‌ वहां दीवारें ‌गवाह‌ हैं जिस पर खुन के छींटें पड़ी थी।‌ उन 7 मासुमों की तो आवाज भी नहीं निकलने दिया ‌ये शबनम ने।

       साल‌ 2008 में शबनम जब 25 की थी और सलीम 27 का। शबनम ‌पढी‌ लिखी डबल एम ए की हुई थी। परिवार से सुखी संपन्न थे।‌ शबनम अपने पिता की इकलौती बेटी है, इनके पिता शौकत शेफी पेशे से शिक्षक थे और घर वालों का अपना व्यापार था। कहते हैं प्यार अंधा होता है वही यहां देखने को मिला सलीम जो पेशे से लकड़ी काटने का काम करता था, छठी पास था।‌ शबनम उसके प्यार में पर के इतना बड़ा कांड कर दी।

       घर वालों को ये रिश्ता कतई कबूल ना था। भाई ने एक दिन ‌शबनम पर‌ हाथ भी उठा दिया कि वो उस सलीम को छोड़ दें। लेकिन जब‌ प्यार की बिमारी लग जाए हर दवा जहर लगने लगती। शबनम किसी का बात मानने को तैयार ही‌ नहीं थी। शबनम प्यार में इतना आगे बढ़ गई लौट के आना नहीं चाहती थी। वो सलीम के बच्चे की‌ मां बनने वाली थी।पुरे घर वाले इस प्यार के विरोधी बन गए तब शबनम ने प्लान बनाया।


     रोज घर में 1 किलो दूध आता था उस रात दो किलो दुध आया। दुध में कोई नशा का दवा मिलाकर ‌शबनम ने सबको पिला दिया। मां बाप,दो भाई,भतिजा,भाभी और रिश्त की एक बहन थी। सबको नशा वाला दूध पिला दिया और कुल्हाड़ी से काट दिया। एक एक कर सब पर कुल्हाड़ी से काट कर अलग कर दिया। रात दो बजे जब गांव वाले ‌को कुछ कुछ शोर सुनाई दिया तो देखें कि शबनम लाशों के बीच बैठ कर रो रही।

      शबनम का प्लान था कि वो ये सभी खून का इल्ज़ाम अपने पड़ोस के भाई पर डाल‌ कर बच जाए और खुद सलीम के साथ इन पैसों पर ऐश करें। लेकिन ‌सच्चाई कब तक छुपाई जा सकती है। दोनों ने अपना गुनाह कबूल किया और‌ अब फांसी के इंतजार कर‌ रहे। इनका एक‌ बेटा हुआ जो अभी कहीं दूर रिश्तेदारों के घर पल रहा है।

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