राखी कब है......
राखी सावन मास की पूर्णिमा को है जो 3 अगस्त सोमवार को पड़ रहा है। इस बार राखी पर बहुत सालों बाद विशेष मुहुर्त बन रहा जब भद्रा या किसी ग्रहण का साया ना है। यह साल रक्षाबंधन के लिए दीर्घायु और सर्वाथ सिद्ध करने का योग बना रहा है ।
रक्षाबंधन का शुभ मुहूर्त.....
रक्षाबंधन का शुभ मुहूर्त- सुबह 9.30 से रात 9.15 तक नहै। इस बार भद्रा नक्षत्र सुबह 9 बजे ही निकल जाएगा। इस साल रक्षाबंधन के दिन बहुत मुहुर्त बहुत अच्छा बन रहा जो पुरे साल बहनो का आशीर्वाद भाई पर बनाए रखेगा।
राखी बांधते हुए ये मंत्र पढ़ें -
" येन बद्धो बलि राजा, दानवेन्द्रो महाबल:।
तेन त्वाम प्रति बच्चामि, रक्षे! मा चल, मा चल।"
रक्षाबंधन का महत्व-
रक्षाबंधन के दिन बहन भाई के हाथ पर राखी बांध, सर पर तिलक लगा उसके लंबे उम्र की कामना करती है। भाई बदले में बहन की उम्र भर रक्षा करने का वादा करता है। ये रक्षाबंधन की बहुत सारी पौराणिक कथाएं हैं। एक कथा के अनुसार एक बार राजा बलि ने भगवान विष्णु को अपने महल में रहने का आग्रह किया और भगवान विष्णु मान भी गए। मां लक्ष्मी अब भगवान विष्णु को अपने साथ बैकुंठ ले जाने का सोच रही थी, भगवान विष्णु बोले बिना बलि की आज्ञा से हम कैसे जाएंगे। तब मां लक्ष्मी ने बलि के हाथ पर एक धागा प्रेम का बांध दिया, बलि उनको अपनी बहन मान बोले जो मांगिए आपका, मां लक्ष्मी ने अपने साथ नारायण को बैंकुठ लोक जाने के लिए मांगी और बलि ने जाने दिया।
राखी की और भी कथाएं हैं जैसे कृष्ण और द्रोपदी की, भगवान विष्णु और इंद्र की पत्नी सुची की, हुमायूं और कर्मावती की, सिंकदर की पत्नी और पुरू की और भी कथाएं हैं अगर आप जानना चाहते हैं तो कमेंट अवश्य करें।
राखी की थाली कैसे सजाएं....
राखी के लिए जब थाली सजाएं तो कुछ विशेष बातों का ध्यान अवश्य रखना चाहिए। थाली में अक्षत, रोली, कुमकुम, नारियल, राखी, मिठाई, गणेश जी की मुर्ति, दिया, दही, कलश, रखें। हर चीज एक प्रतीक है जो दर्शाती है कि आप राखी बांध कर अपने भाई की मंगल कामना करते हैं। जैसे
* कुमकुम - इससे भाई के माथे पर तिलक लगाया जाता है जो उसके मान सम्मान के लिए है।
* दीया - यह हर बुरी नजर से बचाता है।
* दही - दही चंद्रमा को मजबूत करता है। भाग्य मजबूत होता है।
* अक्षत - तिलक के ऊपर अक्षत लगाने का कारण है कि शुक्र ग्रह के प्रभाव से जिंदगी में हर चीज भरा पुरा रहे।
* नारियल - यह सुख समृद्धि का प्रतीक है।
सबसे पहले भाई को एक साफ सुथरे जगह पर बैठाएं। एक पीतल या कांसे की थाली लें। थाली में गुलाब फूल से सजा सकते हैं। आजकल बाजार में सजावट वाली थाली भी मिलती है। थाली में स्वसतिक बना लें फिर सभी सामान रख लें। फिर भाई को चंदन करें, अक्षत लगाएं थोड़ा सर पर छिड़क दें। फिर राखी बांध दें, हाथ में नारियल दें, आरती करें और मुंह मीठा करें।
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