चूना - बहुत प्राचीन पदार्थ है जो पहले घर बनाने के काम में लाया जाता था। लेकिन अब तो सिमेंट का उपयोग करने लगे।चूना का उपयोग अभी घर को रंगने या पेड़ को रंगने में किया जाता है। चूना में कीड़े मकोड़े मारने के गुण पाए जाते हैं जिस कारण पेड़ को रंगा जाता है कि कीड़े मकोड़े उस पर ना लगे।
कुछ लोग चूना पान या खैनी के साथ खाते हैं। चूना को पानी में फूला कर उसको गीला और मुलायम किया जाता है तब उसका खाने में उपयोग किया जाता है। चूना को एक गेहूं के दाने इतना ही खाने में उपयोग करना चाहिए। ज्यादा चूना आपके आंतों का गला सकता है। चूना में कैल्शियम भरपूर मात्रा में पाया जाता है जो हमारे हड्डियों के लिए बहुत फायदेमंद होता।
चूना का तासीर गर्म होता है।इसे दही, पान, खैनी, पानी, सौंफ, अनार का रस, गन्ने का रस, संतरे का रस, इलाइची, कोई भी दलहन के साथ, गुलाब की पंखुड़ियों के साथ खाया जा सकता है।
चूना के हैरान करने वाले फायदे......
* चूना में कैल्शियम होने के कारण अगर किसी प्रेंग्नेंट को खिलाया जा तो पेट में पल रहे बच्चे का हड्डी मजबूत होता है। उसको एक गिलास अनार के जूस में एक गेहूं के बराबर चूना देना चाहिए। रोज एक बार किसी समय में।
* अगर खून की कमी हो तो रोज जूस के साथ चूना का सेवन करें।
* यदि आप जोंडिस (पीलिया) से पीड़ित हैं तो गन्नै के रस में चूना मिलाकर पीएं। आंखों और पेशाब का रंग में 7-8 दिन में ही फर्क दिखेंगी।
* अगर कहीं मोच आ जाए तो चूना और शहद का पेस्ट बना लगाएं, आराम मिलता है।
* चूना नपुंसकता के लिए भी फायदेमंद है। महिलाओं को अगर अंडा ना बन रहा हो या पुरुष में शुक्राणु की कमी हो, गन्ने के रस में मिलाकर 6 महीने पीएं फायदा होगा।
* उल्टी या अपच हो तो चूना पानी दूध में मिलाकर पीएं आराम मिलेगा।
* मुंह के कील मुहांसे पर लगाएं,
* दांतों में दर्द हो तो पान या केवल चूना उस दांत पर हल्के हाथों से रगड़े, दर्द गायब हो जाएगा।
* कुछ बच्चे का दिमाग शांत रहता। पढ़ा कुछ याद ना रहता हो, बुद्दीमंद या डल हो उसको रोज दही या दाल के साथ चूना दें । फायदा पहुंचाता है।
* बच्चों का लंबाई ना बढ़ रहा हो तो दही, दाल के साथ खिलाएं चूना।
* मेनोपॉज शुरू हो या माहवारी में कोई प्रोब्लम हो, दाल, दही, पानी के साथ चुना का सेवन करें।
* अगर किसी को पथरी की समस्या हो तो उन्हें चूना नहीं खाना चाहिए।
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