इस समय हमारे योनि में संक्रमण का डर होता ही है ऊपर से पसीना और problem पैदा करता है। इस सब से बचने के लिए हमें कुछ विशेष ध्यान रखना होगा, कि हम इन संक्रमण से बचें रहे।
गर्मी में पीरियड्स के दौरान इन चीजों का रखें विशेष ध्यान.....
* पहला 1-2 दिन रक्त स्त्राव ज्यादा होता है तो हर 4 घंटे में अपना पैड बदलते रहे। क्योंकि पसीना जब नीचे जाता है तो वहां संक्रमण का डर ज्यादा रहता है।
* पैड हमेशा एक ही लें। दो पैड एक साथ लेने से वैक्टीरिया के संक्रमण वहां खुजली पैदा करने लगता है। क्योंकि वो हवा अंदर बाहर करने नहीं देता है।
* गर्मी के दिनों में पीरियड्स में जब भी पैड बदले पुरे योनि क्षेत्र को अच्छी तरह धो लें। कहीं वैक्टिरिया जमा ना रहे, गर्म पानी से धोएं तो और अच्छा हो।
* इनर वियर हमेशा शुद्ध सुती का पहने, दुसरा सब में पसीना ज्यादा होने से गीला रह वहां वैक्टिरिया पैदा कर सकता है।
* पजामा एकदम ढीला पहने, उस जगह को सुखा रखने का प्रयास करें।
* अगर रक्त स्राव कम हो गया हो तो रात में केवल इनर वियर पहन कर सोएं। और इनर वियर को अच्छी तरह धो धुप में सुखाएं।
* अगर खुजली बढ गया हो या लाल रंग के चकत्ते उभर गया हो तो कोई एंटी फंगल क्रीम लगाएं।
लगातार इनर वियर और पैड पहनने से योनि के आसपास काछ लगने की संभावना बढ़ जाती है। अगर काछ लग गया हो चलने फिरने में दिक्कत हो रही हो ये उपाय अपनाएं.....
* काछ लगने पर नारियल तेल दिन में 3-4 बार अच्छी तरह मालिश करें।
* हो सके तो कुछ देर कपड़ा खोल वहां अच्छी तरह हवा लगने दें, उस जगह को सुखा रखने का प्रयास करें।
* काछ पर सरफाज एस एन एलोपैथी चिकित्सा का दवाई है वो दो बार लगाएं, काछ दो दिन में खत्म हो जाएगा।
* वहां पाउडर लगा कर रखें। पाउडर कोई एंटी फंगल हो तो ज्यादा बेहतर है।
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