आंव होने के कारण क्या है...
आंव होने का मुख्य कारण गंदगी है। पहले के समय में बहुत लोग नदी, तालाब में स्नान करते, मल मूत्र साफ कर वहीं हाथ धोते फिर वही पानी खाने पीने में उपयोग करते, जिस कारण उन्हें ये समस्या होती थी। आज कल वैसा नहीं है लेकिन पानी जहां सड़ गया हो वहां बैठ कर होटल का खाना खाएं या वहां आस पास का पानी पी रहे हैं तो तो कुछ संंक्ररामक जीव आपके ऊपर हमला कर देते हैं।
आप आंव/ पेचिश के रोगी बन जाते हैं। अगर आप मल साफ कर अच्छी तरह हाथ ना धो, किसी खाने पीने की चीजों को छुते तो उससे कोई और खा रहा तो वो भी आंव का शिकार हुए जाएगा। अगर आंव वाले लोगों के संपर्क में आते हैं तो आप भी बिमार हो सकते। यह फैलने वाली बिमारी है।
आंव के लक्षण....
* पेट में दर्द
* पतला दस्त होना, बिल्कुल पानी नहीं चावल के मांड जैसा
* बुखार लगना, ठंड लगना
* मरोड़ के साथ दर्द होना
* मल करते समय दर्द
* मल के साथ खून आना
आंव दूर करने के घरेलू उपाय.....
* अगर आप आंव से परेशान हैं तो दिन में दो तीन गिलास ताजा छाछ पीएं। छाछ में जीरा भुन कर, सेंधा नमक मिला सकते हैं।
* चार पांच काली मिर्च के दाने लेकर, थोड़ी देर टाॅफी के जैसे चुसे, फिर गर्म पानी के साथ पी लें।
* दो गिलास पानी में एक नींबू काट डाला दें फिर खुब उबाल लें, उसमें सेंधा नमक मिलाकर पीएं।
* एक कटोरी दही में एक चम्मच हल्दी पाउडर मिलाकर सुबह खाली पेट सेवन करें।
* पानी दिन भर में 8-10 लिटर पानी पीएं । शरीर में पानी की कमी नहीं होनी चाहिए।
* दही चावल का सेवन भी आंव में फायदा करता है। बस दही ताजा होना चाहिए।
* ईसबगोल आंव में बहुत फायदेमंद है। जब आंव आए तो दही, दूध या पानी के साथ ईसबगोल लें। फायदा होगा।
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