इसके फली का आचार, चटनी, सब्जी, सांभर, इसके बीज का तेल, इसके छाल, जड़ और निकलने वाले रस से आयुर्वेद चिकित्सा में दवाांए बनती है। सहजन उदर रोग, नेेत्ररोग, वात, गठिया, पथरी, दमा आदि बिमारी में लाभदायक होता है।
सहजन और उसके पत्तों के फायदे......
* सहजन इम्युन पावर बढ़ाने का काम करता है। जो कई तरह के संक्रमण से बचाव करता है। इसके पत्ते का सुप या दाल में इसका फली या पत्ता मिलाकर खा सकते।
* सहजन की सुखी पत्ती का 100 ग्राम पाउडर में पालक से 25 गुना ज्यादा आयरन, दूध से 17 गुना ज्यादा कैलिशयम, केला से 3 गुना ज्यादा पोटैशियम और संतरे से 7 गुना ज्यादा विटामिन सी होता है।
* यह पेट के लिए बहुत लाभदायक है। फाइबर के कारण कब्ज दूर करता है और पेट के कीड़े को भी मारता है। इसके जड़ का पाउडर या इसकी कोमल पत्ते चबाएं।
* डायबिटीज़ में ये बहुत लाभदायक होता है। डायबिटीज़ रोगियों के लिए सहजन के कोमल पत्तों को चबाएं या फिर इसके पत्तों का टेबलेट मिलता है डाॅ से सलाह लें खा सकते।
* इसका सूप वजन कम करने में मदद करता है। इसमें मौजूद फास्फोरस शरीर के अतिरिक्त कैलोरी और वसा कम करते हैं।
* सहजन में विटामिन ए रहता है। जिस कारण इसका सब्जी खाने या इसके तेल लगाने से स्कीन चमकदार रहती है।
* यह सेक्सुअल लाइफ में भी बहुत लाभदायक होता है। पति और पत्नी दोनों के लिए लाभदायक होता है।
* सहजन का फल, फूल या पत्तों का सेवन शुक्राणु बढ़ाने, वीर्य को गाढ़ा करता और महिलाओं के माहवारी सही रखने में मदद करता है।
* सर में दर्द है तो सर पर इसके पत्ते को पीसकर लेप लगाएं, फायदा होगा।
* अगर दस्त, पेचिश, जांडिस से पीड़ित हैं तो रोगी को सहजन के पत्ते का रस, शहद मिलाकर नारियल पानी के साथ पीने दे। लाभ मिलेगा।
* सहजन में कैंसर के खतरे कम करने का भी गुण होता है।
* यह एनिमिया को दूर करता है। हड्डियों को मजबूत रखता है। अपने बच्चों को अवश्य सहजन खिलाएं इससे वो शारिरिक रूप से स्वस्थ रहेंगे।
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