लाॅक डाॅउन में ऑनलाइन पढ़ाई का फायदा हो रहा या नुकसान

      कोरोनावायरस के असर से अभी पुरा दुनिया सहित भारत भी प्रभावित है। इस कोरोना वायरस का एक ही इलाज है कि लोग घर में रहे। पुरा देश में अभी इसलिए सरकार ने लाॅक डाॅउन घोषित कर दिया, जो बहुत हद तक सही भी है। इस लाॅक डाॅउन का असर सबसे ज्यादा बच्चों पर पड़ रहा जो हमारा भविष्य हैं। सरकार ने बच्चों की पढ़ाई Disturb ना‌ हो‌ उसके लिए Online पढ़ाई शुरू करवा दिया। तो क्या ये Online पढ़ाई का फैसला सही है, बच्चे पर इसके क्या प्रभाव पड़ रहा क्या इसको जानना सही नहीं होगा, इसका फायदा हो रहा है या नुकसान ये भी तो देखना होगा.... इसके लिए हमें कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना होगा जो हर माता पिता अभी फेस कर रहे। 



         * Internet का खर्च

     पहली बात मेरे भी दो बच्चे हैं जो अभी Online class कर रहे। मेरे पास दो मोबाइल है एक मोबाइल पर 398 का 3 GB/day का नेट देता है। दोनों के अलग अलग class हैं तो wi fi कनेक्ट कर दोनों मोबाइल चलता है लेकिन ये आधे दिन में खत्म। Class का time 9-1 और फिर 3-5 चलता बीच बीच में 10 मिनट का break जरुर मिलता है।

      अब बात आती क्या मध्यम वर्गीय परिवार के लिए सही है । जिनके घर में तीन बच्चे हैं उनका क्या?‌ अभी काम धंधा सब बंद है लोगों के पास पैसे की problem... बहुत से माता पिता बच्चों को क्लास नहीं करवा पा रहे जिनके पास दो मोबाइल ना‌ है वो क्या करे। 

      * नेट की problem

      कहने को तो नेट बाथरूम में भी आ रहा लेकिन जब पढ़ाई शुरू हो जाता बच्चे मोबाइल लेकर इधर उधर घूमने लगते टावर नहीं है। कभी छत पर तो कभी आंगन। हमलोग विदेश के तर्क पर online पढ़ाई शुरू तो कर दिए लेकिन यहां नेट का problem अभी बहुत है। बच्चे कुछ सुन पाते कुछ बिल्कुल नहीं सुनते। अब बच्चे सहित मां बाप को टेंशन क्या छुट गया। 

      * लगातार मोबाइल लेपटॉप देखने से आंख में दर्द

    एक तरफ हम बच्चों को मोबाइल से दूर रखने की बात कर रहे वहीं दूसरी ओर उनके हाथ में मोबाइल थमा दिए। लगातार मोबाइल देखते देखते आंखों में जलन और खुजली और दर्द जैसी समस्या आ रही है। लोगों का कहना है कि ऐसे भी तो वो मोबाइल गेम खेलने के लिए लेते ही है लेकिन आजकल मां बाप घर पर ही है तो बच्चे मोबाइल उतना नहीं ले सकते। उनके साथ हंस खेल समय बीत जाता।

     * बच्चों और पेरेंट्स में गुस्सा- टेंशन

     पहले बच्चे पुरा दिन पढ़ खेल लेने के बाद कुछ देर मोबाइल टीवी से अपना मन बहलाते थे, लेकिन आजकल पुरा दिन मोबाइल देख होमवर्क कर गुस्सा में रहते। आजकल हर किसी को मोबाइल की लत है बच्चों से मोबाइल फ्री होता मां बाप अपना मोबाइल लेते कि उनका भी कुछ मनोरंजन हो ना तब frustrated हो खुद में लड़ाई की संभावना बढ़ जाती।

     ये Online पढ़ाई का बस एक ही कारण है कि स्कूल वाले Teacher को पैसा दे रहे तो अपने घर से कैसे दे। अब बात आती Teacher को पैसा देने की जो सही भी है क्यों ना दे पैसा। लेकिन क्या school के पास पैसे की कमी है हर साल जो Readmission के नाम पर पैसे लेते हैं उनका उपयोग यहां क्यों ना करे। School उसी किताब दुकान से किताब लेना है, उसी कपड़े दुकान से Dress लेना है उस commission का उपयोग क्यों नहीं कर रहे अभी।

    सारा भार मतलब बच्चों और पेरेंट्स कर ही। कुछ कुछ स्कूल वाले तो WhatsApp पर homework भेज देते बच्चे अपना copy कर लिए हों गया। तो क्या वो इस बात को समझ गए या उनकी पढ़ाई पुरी हो गई। उनका Dought clear कैसे हो। वो तो अपना पढ़ा के चल दिए बच्चे समझे या नहीं ‌उससे कोई मतलब नहीं।

     इन सब का एक इलाज है अभी कुछ दिन स्कूल में गर्मी छुट्टी दे दिया जाए। वैसे भी तो दो महीने की छुट्टी होती ही है सीधे जून जुलाई से स्कूल शुरू हो जब आप पर्व त्यौहार में भी इस बार छुट्टी ना दे कोई बात नहीं। ऐसा भी है कि ये बिमारी कहा तक जाएगी इसका तो कोई नहीं कह सकता ना आगे क्या‌ होगा।

    अब आप सब से एक राय मांग‌ रहे कि ये सब मैंने अपने छोटे से शहर की, छोटी सी गली में रह रहे लोगों से बातचीत कर के उनके राय के आधार पर लिखी, अब आप बताइए कि मैं कितना सही हुं और ये Online class कितना सही है। 

   

     

    

     

Post a Comment

0 Comments