गिलोय क्या है और इससे होने वाले फायदे जानें

       आजकल कोरोनावायरस के कारण पुरा दुनिया परेशान हैं। इसका सबसे बड़ा लक्षण सर्दी खांसी बुखार होता है। वैसे इस मौसम में वायरल फीवर भी बहुत होता है। इन सब का कारण हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता का कम होना है। कोई भी वैक्टिरियल या वायरल बिमारी में आयुर्वेद बहुत फायदेमंद होता है। आजकल लोग आयुर्वेद दवा का इस्तेमाल भरोसापुर्ण मानते हैं। इसलिए गिलोय का आजकल नाम चर्चा में है। इस पोस्ट में हम गिलोय के बारे में पुरी जानकारी देंगे।


      गिलोय क्या है.....

      गिलोय एक लत्तेदार पौधा है। इसे गुरीच, अमृता, हमलोग के देशी भाषा में अमरलत्ती या गुजरलत्ती भी कहते हैं। यह अपने आप जंगल झाड़ में उगते देखें होंगे।यह अपने आप कहीं पैदा हो जाता है। इसको जड़ की जरूरत नहीं होती है इसे कहीं किसी पेड़ या दिवाल पर लतरते रहता है। इसका पत्ता पान के आकार का होता है और फल मटर के दाने जैसे। गिलोय जिस पेड़ पर चढ़ता है उसका गुण लें लेता है। इसलिए नीम के पेड़ पर फैला हो तो ज्यादा अच्छा है। गिलोय का वर्णन आयुर्वेद में भी कहा गया है।
      
     गिलोय का तासीर गर्म होता है इस कारण इसे गर्मी में खाना हानिकारक होता है। यह सर्दी, सुखी खांसी, बुखार, डायबिटीज़, वीर्य वर्धक, कुष्ठ, जलन, प्यास, वबासीर, कफ, पीत, वायु, टीवी, मुत्र रोग आदि बिमारियों में फायदेमंद साबित होता है। यह हमारे रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है। इसका स्वाद थोड़ा कसैला और थोड़ा तीखा होता है।

       गिलोय के फायदे जानें......

     * डेंगू मरीजों के लिए गिलोय बहुत फायदेमंद होता है। इसमें प्लेेटलेट््स बढ़ाने का क्षमता होता है। अगर किसी को लगातार बुखार रह रहा हो तो वो भी गिलोय का काढ़ा पीएं तो फायदा होगा। गिलोय के चूर्ण और शहद मिलाकर खाएं।
     
     * अगर आपको बवासीर की समस्या है तो गिलोय का रस और छाछ पीएं। गैस और बदहजमी के लिए आंवला और गिलोय का चूर्ण एक साथ ले।
     * मोटापा से परेशान हो, पेट में कीड़े या खुन की कमी हो तो गिलोय का रस और शहद लें।

     * गिलोय का इस्तेमाल किसी आयुर्वेद चिकित्सक से परामर्श कर तभी लें । इसके पत्ते का इस्तेमाल ना करें छाला मुंह में हो सकता है। 

      * किसी किसी को गर्मी के दिनों में हाथ पैर में बहुत जलन होती है वो गिलोय के पत्तों को पीसकर लेप लगाएं फायदा होगा।

      * गिलोय डायबिटीज़, पीलिया, कान, आंख, गठिया, फाइलेरिया आदि बिमारियों में फायदेमंद साबित होता है।



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