भारतीय रेल का सबसे डरावना रेलवे स्टेशन

     आप यात्रा के दौरान हर नई जगह, रोमांचक जगह जाना चाहते हैं। भारत में सबसे ज्यादा मात्रा के लिए लोग रेलवे ही चुनते हैं जो सस्ता और सुलभ होता है। रेलवे स्टेशन पर पानी या खाना लेने के लिए भी उतरते रहते हैं लेकिन अगर आप को पता चले जहां आप उतरे हैं वो भूतिया स्टेशन है। या फिर जिस स्टेशन से आप गुजर रहे वहां भूत प्रेत का साया है तो आप क्या करेंगे। आइए हम आपको 5 ऐसे डरावने स्टेशन के बारे में बता रहे जो सबसे डराबना रेलवे स्टेशन है...

        भारतीय रेलवे का सबसे डरावना रेलवे स्टेशन........

        1. बेगुनकोडोर स्टेशन पश्चिम बंगाल - यह रेलवे स्टेशन कोलकाता से 260 किलोमीटर दूर है। यह सबसे डरावना रेलवे स्टेशन में से एक है। यह रेलवे स्टेशन भूतिया डर के कारण 42 साल बंद पड़ा रहा। यहां स्टेशन पर सफेद साड़ी में लिपटी हुई एक लड़की लोगों को दिखाई देती है। शाम होते ही यहां आवागमन कम हो जाता है। कहा जाता है एक आदमी ने उस सफेद साड़ी वाली लड़की को देख लिया तो उसकी मौत हो गई। अब क्या सच्चाई है वो तो वहां के लोग जानें।

    2. बड़ोग रेलवे स्टेशन शिमला - यह रेलवे स्टेशन कालका से 41 किलोमीटर दूर है।‌ यह दुनिया की सबसे सीधी सुरंग है जिसे पार करने में रेल को ढाई मिनट लगते हैं। इस सुरंग को ब्रिटिश इंजिनियर कर्नल बड़ोग ने बनाया। कुछ गलतियों के कारण उनको बुरी तरह डांट पर गई बस उन्होंने सुरंग के अंदर खुद को गोली मार ली। आज भी वहां उनकी चीखें सुनाई देती है। उनके बाद एक और इंजीनियर ने सुरंग को पुरा करना चाहा लेकिन वो भी मर गए। 

    3. एमजी रोड मेट्रो स्टेशन गुड़गांव - यहां गुड़गांव स्थित मेट्रो स्टेशन पर भी माना जाता है कि भूत रहता है। यहां एक लड़की का मौत हो गया था जो एक दुर्घटना के कारण हुआ था। जिसकी आत्मा आज भी वहां भटक रही है। लोगों को शीशा में उसके जीभ और आंख दिखाई देता है।

     4. रवीन्द्र सरोबड़ मेट्रो स्टेशन पश्चिम बंगाल - यह रेलवे स्टेशन भूतिया स्टेशन सब में से एक है। यहां बहुत सारे लोग की आत्मा है। यहां आत्महत्या करने वाले लोगों की आत्मा घुमते रहती है। यहां रात सबसे लास्ट 10.30 में रेल गुजरती है। रेल ड्राइवर और यात्री भी कुछ साया पटरी पर देखें है जो फिर गायब हो जाती है। यहां अगर आप अकेले खड़े हो तो आपको लगेगा अगल बगल बहुत सारे लोग है।

     5. चित्तुर स्टेशन आंध्रप्रदेश - इस रेलवे स्टेशन पर न्याय की मांग के लिए आत्मा घुमते रहती है। केरल एक्सप्रेस में हरि सिंह नाम के सीआरपीएफ के जवान ड्यूटी पर थे। उनको आरपीएफ और टीटीई ने मिलकर बहुत पीटा और इस स्टेशन पर फेंक दिया। 10 दिन अस्पताल में भर्ती रहे लेकिन बच नहीं सके और उनकी मौत हो गई। तब से उनकी आत्मा न्याय के लिए आज भी भटकती रहती है।

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