नागरिकता संशोधन बिल के बारे में जानें

        अभी हर न्यूज़ चैनल हर समाचार में नागरिकता संशोधन बिल पर परिचर्चा हो रही है। ये नागरिकता संशोधन बिल है क्या इससे हमें क्या फायदा है। यह नया बिल हमारे देश के लिए हितकर है या नहीं इन सब के बारे में हम इस पोस्ट में जानेंगे। कल यानी 9 दिसंबर को नागरिकता संशोधन बिल लोकसभा में पास हो गया। नागरिकता संशोधन बिल पास होने में पक्ष के 311 वोट मिले और विरोध में 80 लोग थे। इस वोट में कुल 391 सांसद शामिल हुए थे।लोकसभा में 7 घंटे चली बहस के बाद यह बिल पास हो गया लेकिन आज राज्यसभा में पास होता है या नहीं थोड़ी देर में पता चल ही जाएगा। आइए विस्तार से नागरिकता संशोधन बिल के बारे में जाने.....

      नागरिकता संशोधन बिल क्या है.....

     नागरिकता संशोधन बिल अगर पास हो जाता है तो भारत के आसपास के देश यानी पाकिस्तान, बांग्लादेश, अफगानिस्तान से जिन छह अल्पसंख्यक समुदायों हिंदू, सिख, ईसाई, पारसी, जैन धर्म मानने वालों को इन देशों से निकाल दिया गया है या उत्पीड़न के कारण भाग के आएं है उन सबको भारत में सीएबी के तहत यहां की नागरिकता दी जाएगी।
     
          इस बिल के मुताबिक पाकिस्तान, बांग्लादेश अफगानिस्तान से आने वाले मुस्लिमों को भारत की नागरिकता नहीं दी जाएगी। जिस कारण कांग्रेस समेत बहुत सारी पार्टियां इस बिल का विरोध कर रही हैं। अभी के कानून के मुताबिक किसी भी व्यक्ति को भारत में नागरिकता लेने के लिए कम से कम 11 साल रहना होगा। नागरिकता संशोधन बिल के बाद पड़ोसी देश के अल्पसंख्यकों के लिए बस 6 साल के लिए यह टाइम लिमिट होगा।

      इस बिल का विरोध करने में पूर्वोत्तर राज्य सबसे आगे हैं। खासकर असम के लोग इस विधेयक के खिलाफ जमकर प्रदर्शन कर रहे हैं। वहां के लोगों का विरोध करने का सबसे बड़ा कारण है कि बांग्लादेश से आए हुए हिंदुओं को अगर यहां नागरिकता मिल जाती है तो यहां के मूल निवासियों के अधिकार खत्म हो जाएंगे। उनके अधिकार कम हो ना जाए इसलिए वो लोग इसका विरोध कर रहे।

   

   

   









   



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