गर्भावस्था में इन बातों का ध्यान अवश्य रखें

        गर्भावस्था औरत के जीवन का वो समय होता है, जहां सभी औरत खुद से ज्यादा उस बच्चे के लिए जीती है। जब घर में खुश खबरी आती है कोई मां बनने वाली हैं तो पुरा घर एक स्वस्थ बच्चे की सपना देखने लगते हैं। हर कोई अपने हिसाब से कोई ना कोई राय देने लगता। ऐसे करो तो बच्चा ऐसा होगा कोई कहेगा काम बहुत करो बच्चा आसानी से पैदा होगा, कोई कहेगा बिल्कुल आराम करें। कोई कहेगा नारियल खाओ गोरा होगा, कोई कहेगा चाय ना पीयो बच्चा काला होगा। इन सबमें सबसे बड़ी बात होती हर कोई चाहता बच्चा और जच्चा दोनों स्वस्थ हो... आइए जानते हैं कि कैसे

     गर्भावस्था में इन बातों का ध्यान रखें.......

   * तनाव नहीं लेना चाहिए- गर्भावस्था में अक्सर महिलाएं तनाव में रहती है। खासकर अगर पहली प्रेगनेंसी हो तो और ज्यादा। हमेशा मन में उनके डर लगा रहता कि कहीं कुछ हो ना जाए। बच्चा मेरा स्वस्थ हैं या नहीं, हमेशा ये सोच के उनको डिप्रेशन में जानें का डर रहता। इससे उनके बच्चे पर भी प्रभाव पड़ सकता है। इसलिए गर्भावस्था में बिल्कुल तनाव नहीं लेना चाहिए। नार्मल रहे, सारे वहम मन से निकाल दें। ध्यान करें, अच्छी अच्छी किताब पढ़ें। हमेंशा खुश रहने की कोशिश करें।

    * खान पान का ध्यान रखें- गर्भावस्था में शरीर में विटामिन की आवश्यकता अधिक होती है इसलिए अपने ‌‌‌‌‌
खानपान का ध्यान अवश्य रखें। प्रोटीन की मात्रा खाने में बढ़ा दें, दाल, दूध की ये सब लें। खाने में फल अवश्य शामिल करें फल खाते समय ये ध्यान रखें कि वो धोया हुआ हो। ना तब आपको संक्रमित कर सकता है। शरीर में सही पोषण मिलने से बच्चे का शारीरिक और मानसिक विकास होगा। जंक फूड से बचें। ये हानिकारक हो सकता है।

    * घर के काम काज संबंधित - सब महिलाओं की प्रेग्नेंसी अलग-अलग होती है। ये डाॅ के आदेश के अनुसार करना चाहिए कि वो घर के काम कर सकती हैं या नहीं। लेकिन नार्मल रुप से वो हल्के फुल्के काम कर सकती है। लेकिन ऊंचाई पर चढ़ना, केमिकल जिस सामान में उसे युज ना करें जैसे काॅकरोच या चुहे मारने वाले प्रोडेक्ट युज ना करें। बिल्ली कुत्ते या किसी जानवर के मल साफ नहीं करें।

     * डाक्टर की सलाह- बहुत से पुराने ख्याल के लोग गर्भावस्था के अंतिम समय में डाॅ के पास जाते हैं। लेकिन ये ग़लत है आप मासिक धर्म रुके तभी से डाॅ की देखरेख में रहें। डाक्टर की सलाह मानें। वैक्सिनेशन अवश्य करवाएं, फोलिक एसिड और आयरन की गोलियां लें। Ultrasound अगर कहें तो जरूर करवाएं इसमें बच्चे का विकास पता चलता है।

     सबसे जरूरी बात बच्चों का लिंग परीक्षण ना कराएं। आप जिस बच्चे को मार‌ रहे कोई उसी के लिए रो रहा। एक किलकारी घर में सुनने के लिए कहीं कान पत्थर के बन‌ गए।आप उस बच्चे की खत्म कर क्यों करना चाहते। आप जन्म दिजीए भगवान खाने और जीने की सारी व्यवस्था कर देगा। आपको लगता वो भार बन जाएगी क्या पता वही आपको पाल लेगी....

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