कल है शरद पूर्णिमा यानी 28 अक्टूबर को। माना जाता है कि इस दिन माता लक्ष्मी का जन्म हुआ था। माता लक्ष्मी के स्वागत के लिए कुछ विशेष उपाय करने से आप पर माता की कृपा हमेशा बनी रहेगी। इस दिन चंद्रमा 16 कलाओं से युक्त रहता है। शरद पूर्णिमा के दिन मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु की पूजा करनी चाहिए। शरद पूर्णिमा की रात्रि धरती की सुंदरता देखने भगवान स्वयं धरती पर आते हैं। इस दिन आसमान से अमृत बरसता है। आइए जानें शरद पूर्णिमा के दिन करें जानें वाले उपाय....
* शरद पूर्णिमा की रात्रि शुद्ध दूध की खीर बना लें। फिर
माता लक्ष्मी और भगवान विष्णु के सामने रख कर उनको भोग लगाएं। विष्णुसहस्त्रनाम, कनकधारा स्तोत्र का पाठ कर दीप जलाएं। फिर खीर को छत पर छन्नी से ढक कर रात 12 बजे तक रखें तब पूरे परिवार के साथ खा लें। इससे सुंदर स्वास्थ और माता की कृपा भी होगी।
* इस दिन खीर बनाकर मंदिरों में दान करना चाहिए।या फिर गरीबों में बांट दें।
* शरद पूर्णिमा के दिन तुलसी में जल दें उसके बाद जल में हल्दी मिला घर के मुख्य द्वार पर छिड़क दें।
* शरद पूर्णिमा के दिन घी के दिए जलाकर उसमें चार लौंग रख दें। शुभ फल प्राप्त होगा।
* माता लक्ष्मी को शरद पूर्णिमा के दिन गुलाब फूल की माला चढ़ाएं या फिर 11 गुलाब अर्पित करें। घी के दीपक दिखाएं,ये मंत्र का जाप करें- ऊं ह्री श्रीं कमले कमलालए प्रसीद प्रसीद महालक्ष्मे नमः...
* शरद पूर्णिमा के दिन रात भर भजन-कीर्तन करते रहे। इस दिन को कोजागरी भी कहते हैं। रात में जग कर भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी का ध्यान करना चाहिए।
* इस दिन हनुमान जी के मंदिर या घर में भी फोटो के सामने सुंदरकांड का पाठ या हनुमान चालीसा पढ़े। फिर भगवान को सिंदूर और चमेली का तेल चढ़ाएं।
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