विजयदशमी के दिन नीलकंठ के दर्शन करना क्यों‌ होता है शुभ

       विजयादशमी का पर्व असत्य पर सत्य की जीत का दिन है। नवरात्रि के दसवें दिन आश्विन मास में मनाया जाता है। इस विजयादशमी के दिन नीलकंठ का दर्शन शुभ माना जाता है लेकिन ऐसा क्यों है शायद आप नहीं जानते होंगे। नीलकंठ भगवान शिव का प्रतिक है जिसके दर्शन से सौभाग्य और खुशहाली आती है। नीलकंठ को खंजन भी कहा जाता है।




    जब नीलकंठ दिख जाए तो ये शब्द कहना चाहिए- नीलकंठ तुम इस पृथ्वी पर आए हो तुम्हारा गला नीला और शुभ्र है,तुम सभी मनोकामनाएं पूरी करो। तुम्हें नमस्कार है। कहा जाता है भगवान राम इस पक्षी को देख कर ही रावण का वध किये थे। इसलिए दशहरा पर्व के दिन नीलकंठ देखा जाता है।

    दशहरे पर नीलकंठ देखने की परंपरा बहुत पुरानी है। रावण के वध के बाद भगवान राम को ब्राह्मण हत्या के पाप से मुक्ति के लिए राम लक्ष्मण दोनों भगवान शिव की पूजा की थी।तब भगवान शिव नीलकंठ पक्षी के रूप में धरती पर आए थे। तब इनका देखना और शुभ माना जाता है। किसानों के लिए बहुत फायदेमंद है ये नीलकंठ ये खेत के सारे कीड़े मकोड़े खा जाता है।

     विजयादशमी के दिन गंगा स्नान का विशेष महत्व है। गंगा स्नान ना हो पाए तो पास के किसी नदी या तालाब में स्नान जरुर करना चाहिए। इस दिन शस्त्र पूजन भी होता है।

    

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