आज वैशाख मास का पूर्णिमा है। यह हिंदू और बौद्ध धर्म दोनों ही मनाते हैं। आज के दिन माना जाता है कि भगवान विष्णु के अवतार हैं भगवान बुद्ध, जो आज के दिन ही अवतार लिए थे और आज के दिन ही बोधी वृक्ष के नीचे ज्ञान मिला और इसी दिन निर्वाण भी हुआ।
आज के दिन का बहुत महत्व है। आज के दिन गंगा स्नान, या कोई नदी, तालाब स्नान का बहुत महत्व है। आज पूजा दान का विशेष फल प्राप्त होता है। माना जाता है कि आज के दिन ही सुदामा कृष्ण से मिलने गए थे और वहां भगवान कृष्ण ने उन्हें सत्यविनायक व्रत करने कहे। सुदामा इस व्रत को विधिपूर्वक किए तो उनकी गरीबी दूर हूई।
इस दिन धर्मराज की पूजा करने से अकाल मृत्यु का भय नहीं रहता है। आज के दिन सत्यविनायक की पूजा से धर्मराज खुश होते हैं।धर्मराज मृत्यु के देवता हैं। इसलिए आज उनकी पूजा कर उनको अकाल मृत्यु से बचाने की प्रार्थना करते हैं।
आज के दिन मीठा दान करना गौदान करने के बराबर माना जाता है। कुछ अनजाने पापों को कटाने के लिए गुड़ या चीनी और काला तिल दान करना चाहिए। पानी से भरे मटके दान करें,आज के दिन बिना दान पुण्य किए खाना नहीं खाना चाहिए।
भगवान विष्णु के प्रतिमा के घी के दीया में चीनी और शक्कर डालकर पूजा करनी चाहिए। आज के दिन बोधी वृक्ष की भी पूजा होती है।
आज के दिन का बहुत महत्व है। आज के दिन गंगा स्नान, या कोई नदी, तालाब स्नान का बहुत महत्व है। आज पूजा दान का विशेष फल प्राप्त होता है। माना जाता है कि आज के दिन ही सुदामा कृष्ण से मिलने गए थे और वहां भगवान कृष्ण ने उन्हें सत्यविनायक व्रत करने कहे। सुदामा इस व्रत को विधिपूर्वक किए तो उनकी गरीबी दूर हूई।
इस दिन धर्मराज की पूजा करने से अकाल मृत्यु का भय नहीं रहता है। आज के दिन सत्यविनायक की पूजा से धर्मराज खुश होते हैं।धर्मराज मृत्यु के देवता हैं। इसलिए आज उनकी पूजा कर उनको अकाल मृत्यु से बचाने की प्रार्थना करते हैं।
आज के दिन मीठा दान करना गौदान करने के बराबर माना जाता है। कुछ अनजाने पापों को कटाने के लिए गुड़ या चीनी और काला तिल दान करना चाहिए। पानी से भरे मटके दान करें,आज के दिन बिना दान पुण्य किए खाना नहीं खाना चाहिए।
भगवान विष्णु के प्रतिमा के घी के दीया में चीनी और शक्कर डालकर पूजा करनी चाहिए। आज के दिन बोधी वृक्ष की भी पूजा होती है।
0 Comments