मोदी, चुनाव और उसके परिणाम

     आजकल चुनाव का गरमागरमी चल रहा है। चुनाव खत्म होते ही अब उसके परिणाम को लेकर लोग परेशान हैं। भारत में चुनाव 1952 से शुरू हो गये थे तब से लेकर आज तक ना जाने कितने ही महान हस्तियां इस चुनाव में भाग लिए। किसी में इतना हंगामा ना हुआ जितना नरेंद्र मोदी में हुआ। मैं ज्यादा राजनीति नहीं जानती, लेकिन जितना देखी हुं, समझी हुं उसमें तो यही कहा जा सकता है।

     सरकार बहुत से महान नेताओं की बनी लेकिन इतना विरोध शायद ही किसी का हुआ हो। हर पार्टी ही मोदी जी के विरोध में है। ये विरोध ऐसा हुआ कि सालों से चल रही दुश्मनी भी दोस्ती में बदल गई। महागठबंधन उसका उदाहरण है। जो नेता कभी एक दुसरा का मुंह ना देखना चाहते थे आज वो एक साथ एक मंच पर है तो मोदी कारण है। मैं तो उस मोदी के व्यक्तिव को प्रणाम करती हुं जो  ना जाने कितने दुश्मनों को साथ ले आए।

    मोदी जी के हर बात की विरोध हुआ। उनकी बातें, कपड़े, खाने, पूजा यहां तक की सोने को लेकर भी कितने चर्चे हुए। मोदी जी के भाषण को विपक्षों ने जुमले/ फेकू का नाम दिया। उनके कपड़े को लाख रुपए का बताया। खाने तक के खर्चे बताए गए, उनके पूजा पाठ को ढोंग बताया। ये सब कहां तक सही है। कुछ लोग चुनाव देख कर धर्म बताया, कुछ लोग वोटर देख कर अपनी जाति बताई, उनके चर्चे तो नहीं हुए। फिर मोदी के खिलाफ क्यों ....

     इस सब का बस एक ही मतलब है- मोदी जी देश के लिए खड़े हैं। वो देश की भलाई का सोच रहे, वो देश और देशवासियों के लिए हमेशा खड़े हैं। उनको विदेश में भी मान सम्मान मिला और हम देश के अंदर उनके खिलाफ है।.. अभी के चुनाव में ना जाने कितने आरोप लगे, लेकिन जनता उनको मानती है।

    कल परसों में परिणाम आ जाएंगे। जीत मोदी जी के पक्ष में जाएगी, क्योंकि जनता उनके साथ है।इस चुनाव काफी मजेदार रहा, जिसका उदाहरण पश्चिम बंगाल में देखें ही। कल के परिणाम देश के भविष्य के लिए सही है लेकिन कुछ ना जाने कितना विरोध करेंगे। पहले के चुनाव हारने पर भी लोग इतना बवाल नहीं करते आज कल‌ तो डर का माहौल हो जाता कहीं हार से बौखलाई पार्टी कहीं कुछ नुकसान ना पहुंचा दे..

  नोट:- ये मेरा अपना सोच है
   

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