अभी कुछ दिनों से साध्वी प्रज्ञा ठाकुर का नाम बहुत चर्चा में है। आप लोग के मन में ये ख्याल तो जरूर आता होगा कि कौन है ये साध्वी, शायद बहुत से लोग जानते भी हो इनको, इनके बारे में अखबार, टीवी , सोशल मीडिया पर बहुत कुछ सुने होंगे, आज हम आपको इनके बारे में कुछ बताना चाहती हुं। साध्वी प्रज्ञा ठाकुर कौन थी, उनका केस क्या है, और वो चर्चा में क्यों है अभी..
साध्वी प्रज्ञा ठाकुर
इनका असली नाम प्रज्ञा सिंह ठाकुर है। ये मध्य प्रदेश के भिंड जिले से आती है। इनके पिता आर एस एस के स्वयंसेवक और आयुर्वेद के डाॅ थे। इन्होंने इतिहास से पोस्टग्रेजुएशन किया। कम उम्र में ही संन्यासी बन गये।ये संघ और विहिप से जुड़ी थी ही फिर विश्व हिन्दू परिषद की शाखा महिला दुर्गा वाहिनी से भी जुड़ी।
अपने बेबाक बोल के कारण हमेशा चर्चा में रही। कभी भड़काऊ भाषण तो कभी विवादित बयान। " जय वन्दे मातरम जन कल्याण" समिति बनाई फिर स्वामी अवधेशानंद गिरि के साथ आई तो एक राष्ट्रीय जागरण मंच भी बनाया। 2019 में कुंभ के दौरान उन्हें ''भारत भक्ति अखाड़े' का महामंडलेश्वर बनाया गया और अब महामंडलेश्वर स्वामी पूर्णचेतनानंद गिरी के नाम से जानी जाती है।
अपने बेबाक बोल के कारण हमेशा चर्चा में रही। कभी भड़काऊ भाषण तो कभी विवादित बयान। " जय वन्दे मातरम जन कल्याण" समिति बनाई फिर स्वामी अवधेशानंद गिरि के साथ आई तो एक राष्ट्रीय जागरण मंच भी बनाया। 2019 में कुंभ के दौरान उन्हें ''भारत भक्ति अखाड़े' का महामंडलेश्वर बनाया गया और अब महामंडलेश्वर स्वामी पूर्णचेतनानंद गिरी के नाम से जानी जाती है।
क्या है मामला
यह बात 29.09.2008 को महाराष्ट्र के मालेगांव में एक ब्लास्ट हुआ था जिसमें 6 लोग मारे गए और 101 लोग घायल हुए थे। इस धमाके में एक मोटर साइकिल का यूज किया जो एनआईए की रिपोर्ट के अनुसार प्रज्ञा ठाकुर के नाम पर थी। महाराष्ट्र एटीएस के आफिसर हेमंत करकरे ने इसकी जांच और इस नतीजे पर पहुंचे कि इस कांड के तार सुरत और प्रज्ञा ठाकुर से जुड़े थे।
इसके बाद उनको गिरफ्तार कर लिया गया। एक महिला होते हुए भी उनको बहुत टाॅर्चर किया गया। अपने एक बयान में उन्होंने कहा कि- "24 दिनों तक मैं बस पानी पर रही, अन्न का एक दाना भी नहीं लिया"। हरबार एक ही सवाल पूछा जाता था तुमने मालेगांव ब्लास्ट किया है, तुमने मुसलमानों को मारा है। तुम आतंकवादी हो, आरएसएस आतंकवादी संगठन है।
प्रज्ञा ने आगे बताया कि -" वह मुझे मोटे बेल्ट से मारते थे जिसमें लकड़ी की मूठ लगी होती थी। सुबह,शाम उसी से मारा गया। कहते कहते आंखों में आसूं आ गये। बोली मैं सोचती थी मुझे मार दोगे, पीट दोगे, खत्म कर दोगे लेकिन मैं जो कर रही हुं वह राष्ट्र को बचाने के लिए है।
9 साल जेल में रही, यातनाएं झेली। बाद में एनआईए ने सबुत ना मिलने पर इनको क्लीन चिट दे दिया। हाईकोर्ट से जमानत मिल गया। अभी भोपाल सीट से बीजेपी के उम्मीदवार के तौर पर खड़ी हुई है। कांग्रेस ने इनके साथ जो किया उसका बदला लेने का समय आ गया। ये जीत कर जनता के दिलों पर राज करेंगी।
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