शिवरात्रि खत्म होते ही होली की तैयारी होने लगी। होली 21 मार्च को है । होली रंगों का त्योहार है।होली बसंत ऋतु में मनाया जाता है। यह रंगों का त्योहार है जो जाति, धर्म , संप्रदाय को कहीं पीछे छोड़ सभी बहुत उत्साहित होकर मनाते हैं। मुझे तो होली खेलना बहुत पसंद हैं। पुरा भारत इस दिन रंग में सराबोर रहता है। भारत के बाहर भी होली होता जरुर होगा, क्योंकि होली का मजा कुछ और ही है।
वैसे होली में देश विदेश से लोग इंडिया आते हैं। वैसे तो हर जगह की होली मस्ती भरी ही होती है लेकिन भारत में ब्रज की होली, बरसाने की होली, वृन्दावन की होली, काशी की होली ये सब कुछ फेमस जगहों पर होली के मजे ही कुछ और है। कृष्ण नगरी में होली देखते ही बनती है एक बार जाएं तो हर साल जानें का मन करेगा...
होली के एक दिन पहले होलिका_दहन होता है। 20 मार्च को होलिका दहन है। इसमें हम अपनी सारी बुराइयों को, सारे गिले-शिकवे जलाकर होली में फिर सबके साथ प्यार और सद्भावना से रंग खेलते हैं। होली तो भगवान राम और कृष्ण भी खेलते थे। अवध की होली गोकुल की होली के कितने गाने कितने मशहूर है..
होली में अच्छा अच्छा खाना भी बनता है। मालपुआ, दहीबड़ा, गुझिया बहुत सारे पकवान है।आगे आपको पकवान पर भी पोस्ट देंगे। बिहार में होली में बहुत मज़ा आता है पहले हमलोग कीचड़ से खेलते हैं,फिर रंग से और शाम में अबीर से। लेकिन आजकल कुछ लोग पी कर हुड़दंग मचाने लगते, फुहर फुहर गीत गा कर माहौल खराब कर देते। एक - दुसरे से बदला लेने का मौका होली में निकालते।
होली प्यार और सौहार्द्र का त्योहार है इसमें रिश्ते जोड़ने का काम करें ना कि किसी का दिल दुखाने का। होली में और एक बात होती जिसमें कुछ बहुत होशियार लोग अपना होशयारी दिखाने के लिए पानी बचाओ अभियान पर कुद जाते हैं उनसे मेरी यही विनती रहेगी कि आपको होली नहीं खेलना है आराम से घर में सोये कोई जबरदस्ती नहीं है फ्री का ज्ञान नहीं बांटे।
पानी साल भर जिसको बचाना है बचायेंगे, होली के दिन ऐसी बात किए तो आपको भी हैप्पी होली। बाकी अगला पोस्ट होली का खाना और बरसाने की होली, होली के गीत में सब अवश्य पढ़ें..
वैसे होली में देश विदेश से लोग इंडिया आते हैं। वैसे तो हर जगह की होली मस्ती भरी ही होती है लेकिन भारत में ब्रज की होली, बरसाने की होली, वृन्दावन की होली, काशी की होली ये सब कुछ फेमस जगहों पर होली के मजे ही कुछ और है। कृष्ण नगरी में होली देखते ही बनती है एक बार जाएं तो हर साल जानें का मन करेगा...
होली के एक दिन पहले होलिका_दहन होता है। 20 मार्च को होलिका दहन है। इसमें हम अपनी सारी बुराइयों को, सारे गिले-शिकवे जलाकर होली में फिर सबके साथ प्यार और सद्भावना से रंग खेलते हैं। होली तो भगवान राम और कृष्ण भी खेलते थे। अवध की होली गोकुल की होली के कितने गाने कितने मशहूर है..
होली क्यों मनाते हैं
पौराणिक कथा के अनुसार एक राजा थे जिनका नाम हिरण्यकश्यप था। वह अपने आप को भगवान मानता था और लोगों को खुद की पुजा करने के लिए कहता था। उनका एक पुत्र था प्रह््लााद जो भगवान विष्णु का बहुत बड़ा भक्त था। हिरण्यकश्यप प्रह्लाद को मारने का बहुत उपाय सोचा लेकिन सबमें नाकाम रहा।
हिरण्यकश्यप की एक बहन थी होलिका। जिसको वरदान में एक चादर था जिसमें आग कभी नहीं लगता था। हिरण्यकश्यप ने होलिका से प्रह्लाद को गोद में बैठा कर आग में बैठ जाने को कहा लेकिन जिस पर खुद भगवान विष्णु की कृपा हो उसका क्या कोई कर सकता है। उस आग में होलिका खुद जल गई और प्रह्लाद बच गए। तब से होलिका दहन मनाया जाता है। गांव में लकड़ी, गोयठा , घास दे कर आग जलाते हैं।
होली में अच्छा अच्छा खाना भी बनता है। मालपुआ, दहीबड़ा, गुझिया बहुत सारे पकवान है।आगे आपको पकवान पर भी पोस्ट देंगे। बिहार में होली में बहुत मज़ा आता है पहले हमलोग कीचड़ से खेलते हैं,फिर रंग से और शाम में अबीर से। लेकिन आजकल कुछ लोग पी कर हुड़दंग मचाने लगते, फुहर फुहर गीत गा कर माहौल खराब कर देते। एक - दुसरे से बदला लेने का मौका होली में निकालते।
होली प्यार और सौहार्द्र का त्योहार है इसमें रिश्ते जोड़ने का काम करें ना कि किसी का दिल दुखाने का। होली में और एक बात होती जिसमें कुछ बहुत होशियार लोग अपना होशयारी दिखाने के लिए पानी बचाओ अभियान पर कुद जाते हैं उनसे मेरी यही विनती रहेगी कि आपको होली नहीं खेलना है आराम से घर में सोये कोई जबरदस्ती नहीं है फ्री का ज्ञान नहीं बांटे।
पानी साल भर जिसको बचाना है बचायेंगे, होली के दिन ऐसी बात किए तो आपको भी हैप्पी होली। बाकी अगला पोस्ट होली का खाना और बरसाने की होली, होली के गीत में सब अवश्य पढ़ें..
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