आज भोलेनाथ दुल्हा बनेंगे। बाबा बैद्यनाथ की नगरी को दुल्हन की तरह सजाया गया है। पुरे शहर में ऊं नम शिवाय के नारे और शिव भजन कीर्तन से गुंज रहा है। रंग-बिरंगी रोशनी से हर चौक, चौराहा चमक रहा है।बाबा मंदिर को रंग बिरंगे फूलों से सजाया गया है। शाम में बाबा की बारात के.के स्टेडियम से निकलेगी। जिसमें लाखों लोग शामिल होंगे,आधे शहर की परिक्रमा कर देर रात बाबा मंदिर पहुंचेगी।
बारात में देवी-देवता, भूत पिसाच,राक्षस, हाथी, घोड़े, ऊंट सभी शामिल होंगे। बारात की सुंदरता देख भगवान स्वयं भी स्वर्ग लोक से धरती पर आ जाएं। बारात को मनोरंजक बनाने के लिए बहुत सुंदर झांकी जिसमें सारे देवी-देवता ,भारत माता बनी एक 6 साल की बच्ची है, अच्छे बैंड बाजा बारात की शोभा बढ़ाने को तैयार है।
इससे पहले शनिवार को बाबा मंदिर पर लगे पंचशुल को उतारा गया था,सारे गठबंधन खोल दिए गए। पंचशुल को छुने के लिए भक्तो की भीड़ लगी थी। फिर प्रदोष तिथि यानी कल रविवार को सभी मंदिर से उतरे पंचशुल की विधिवत पूजा कर मंदिर के शिखर पर लगाया गया। उसके बाद गठबंधन चढ़ना शुरू हो गया। 20-22 घंटे ये बिना गठबंधन के रहते हैं।
शादी- शुदा अपने जोड़ी की कामना के लिए गठबंधन करते हैं और कुंवारे अपनी जल्द शादी और परिवार के कल्याण के लिए गठबंधन बांधते हैं।
पूजा रात 10 बजे से शुरू होकर देर रात 3 बजे तक चलेगा।षोडषोपचार विधि से बाबा की पूजा की जायेगी। बाबा को दूध, दही , बेलपत्र,भांग,इत्र , वस्त्र माला चढ़ाया जाता है। आइए देवघर की रौनक आप भी देखें..
बारात में देवी-देवता, भूत पिसाच,राक्षस, हाथी, घोड़े, ऊंट सभी शामिल होंगे। बारात की सुंदरता देख भगवान स्वयं भी स्वर्ग लोक से धरती पर आ जाएं। बारात को मनोरंजक बनाने के लिए बहुत सुंदर झांकी जिसमें सारे देवी-देवता ,भारत माता बनी एक 6 साल की बच्ची है, अच्छे बैंड बाजा बारात की शोभा बढ़ाने को तैयार है।
इससे पहले शनिवार को बाबा मंदिर पर लगे पंचशुल को उतारा गया था,सारे गठबंधन खोल दिए गए। पंचशुल को छुने के लिए भक्तो की भीड़ लगी थी। फिर प्रदोष तिथि यानी कल रविवार को सभी मंदिर से उतरे पंचशुल की विधिवत पूजा कर मंदिर के शिखर पर लगाया गया। उसके बाद गठबंधन चढ़ना शुरू हो गया। 20-22 घंटे ये बिना गठबंधन के रहते हैं।
शादी- शुदा अपने जोड़ी की कामना के लिए गठबंधन करते हैं और कुंवारे अपनी जल्द शादी और परिवार के कल्याण के लिए गठबंधन बांधते हैं।
पूजा रात 10 बजे से शुरू होकर देर रात 3 बजे तक चलेगा।षोडषोपचार विधि से बाबा की पूजा की जायेगी। बाबा को दूध, दही , बेलपत्र,भांग,इत्र , वस्त्र माला चढ़ाया जाता है। आइए देवघर की रौनक आप भी देखें..
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