Sc/St act क्या है? ये सवर्णों के लिए हानिकर क्यों है।

     आज कल sc/st act के कारण बहुत सारे लोग सरकार से नाराज़ भी है।तो आइए जानते हैं कि ये sc/St act है क्या..

sc/st act क्या‌ है..

अनुसूचित जाति और जनजाति पर सालों से हो रहे भेदभाव से बचाने के लिए sc/st act 1989 में बनाया गया था।उस समय ये कानून बहुत कड़ा था।लेकिन बाद में फिर इसमें कुछ बदलाव किए गए। जम्मु-कश्मीर छोड़ कर पुरे भारत में ये नियम लागू होता है।

  इस नियम के तहत इनको समाज में एक समान दर्जा दिलाने के कई प्रावधान किए गए और इनको हर संभव प्रयास किए गए। सुनवाई के लिए विशेष व्यवस्था की गई कि खुलकर वो अपना बात रखें।

नियम क्या‌ थे...

    जातिसूचक शब्द का प्रयोग करने पर तुरंत कार्रवाई की जाती थी। इसकी जांच इंस्पेक्टर रैंक के अधिकारी भी कर सकते थे। इसमें एक अलग कोर्ट की व्यवस्था थी।शिकायत के साथ ही गिरफ्तार किया जाता था।जमानत का प्रावधान नहीं था। हाइकोर्ट के आदेश पर ही जमानत मिलता था।

    इसमें यह भी नियम था कि अनुसुचित जाति या जनजाति जो केस दर्ज किया उसके सारे खर्च सरकार ही उठाएगी। पीड़ित दलित की आर्थिक और सामाजिक पुनर्वास की सारी व्यवस्था सरकार उठाएगी।

   इस एक्ट का फायदा वो लोग बहुत उठाने ‌‌‌‌‌लगए थे।हर बात में वो‌ लोग धमकी दे देते कि हम फंसा देंगे। कुछ झुठे केस के मामले भी दर्ज हो चुके हैं।

    इस साल 21 मार्च से सुप्रीम कोर्ट ने पुराने नियम को हटा कर कहा कि तुरंत गिरफ्तारी की कार्रवाई नहीं होगी। किसी ‌‌‌‌‌सक्षम ऑफिसर के देखरेख में सरकारी ऑफिसर के आथेरेटी के बाद ही गिरफ्तारी की कारवाई होगी।शीर्ष न्यायालय ने कहा था कि शिकायत मिलने के बाद डीएसपी स्तर के पुलिस अफसर द्वारा शुरुआती जांच की जाएगी और जांच किसी भी सूरत में 7 दिन से ज्यादा समय तक नहीं होगी।

‌‌      इसके बाद अनुसुचित जाति और जनजाति ने खूब धरना प्रदर्शन किया । भारत बंद भी बहुत बार किया। कहीं-कहीं तो  हिंसा किया कुछ जानें भी चली गई।

    मोदी सरकार ने दलितों की नाराजगी को देखते हुए SC/ST एक्ट को उसके मूल स्वरूप में लाने का फैसला किया।जिसके बाद सरकार ने इस मामले में SC/ ST Act पर संशोधन विधेयक लाने का फैसला किया था।दलित भारत में कुल जनसंख्या के एक-चौथाई के करीब हैं। इसलिए कांग्रेस समेत ज्यादातर विपक्षी दल इसके सपोर्ट में थे ।इसके बाद से फिर SC/ ST Act, 1989 वाली स्थिति कायम हो गई है।

  


ये मेरी राय है हो सकता है कहीं कुछ ग़लत हो‌‌ हम।कुछ ग़लत हो तो कृपया अपनी राय दें।

   


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