मोती के बारे में सब जानते ही होंगे। बहुत से लोग मोती देखें भी होंगे। लेकिन वो असली है या नकली ये नहीं जानते होंगे।असली मोती को बनने में बहुत समय लगता है यह समुद्र तट के किनारे रहने वालों सीपों से बनता है।लेकिन आज कल बाजार में बहुत सारी नकली मोती मिलने लगी है।
पहले के राजे-रजवाड़ों के आभूषण में मोती जड़ा रहता था।हर महिलाओं की पसंद भी मोती होती है। मोती बहुत ही महंगा बिकने वाला आभूषण है। सोना चांदी हीरा से महंगा ये मोती होता है।मटर के दाने जैसे उजले-उजले चमकने वाले मोती जिसे देखकर सबका मन मोहित हो जाता कि काश मेरे पास भी ऐसा होता ,आइए जानें कैसे बनता है मोती
पहले के राजे-रजवाड़ों के आभूषण में मोती जड़ा रहता था।हर महिलाओं की पसंद भी मोती होती है। मोती बहुत ही महंगा बिकने वाला आभूषण है। सोना चांदी हीरा से महंगा ये मोती होता है।मटर के दाने जैसे उजले-उजले चमकने वाले मोती जिसे देखकर सबका मन मोहित हो जाता कि काश मेरे पास भी ऐसा होता ,आइए जानें कैसे बनता है मोती
सीप से मोती कैसे बनता है
मोती समुद्र में रहने वाले घोंघा से बनता है। ऐसा नहीं है कि घोंघा अपने पेट में मोती पैदा करता है।ये तो भगवान की करामात कहें या जो हो।घोंघा की सुरक्षा के लिए उसके ऊपर एक मजबूत खोल रहता है।जिसे सीप कहते हैं। हजारों सीपों में से किसी एक के सीप में छेद हो जाता है और उस छेद से बालू के कुछ कण अंदर चले जाते हैं।
घोंघा अपनी त्वचा से निकलने वाले चिकने तरल पदार्थ द्वारा उस विजातीय पदार्थ पर परतें चढ़ाने लगता है। यह विशेष पदार्थ कैल्शियम कार्बोनेट होता है, जोकि उस जीव के अंदर पैदा होता है। धीरे-धीरे यह एक सफेद रंग के चमकीले गोल आकार का पत्थर जैसा पदार्थ बन जाता है, जिसे मोती कहते हैं।
भारत समेत अनेक देशों में मोतियों की माँग बढ़ती जा रही है, लेकिन दोहन और प्रदूषण से इनका उत्पादन घटता जा रहा है। अपनी घरेलू माँग को पूरा करने के लिए भारत अंतरराष्ट्रीय बाजार से हर साल मोतियों का बड़ी मात्रा में आयात करता है।आज कल तो मोती की खेती भी होने लगी है। सरकार इसके लिए बहुत सारे फंड भी देती है।समुद्र किनारे रहने वालों के लिए ये एक कमाई का जरिया है।
आजकल बाजार में धड़ल्ले से नकली मोती बिक रहे लोग को समझ नहीं आता कि ये असली है या नकली आइए जानें कि इसे कैसे पहचानें..
भारत समेत अनेक देशों में मोतियों की माँग बढ़ती जा रही है, लेकिन दोहन और प्रदूषण से इनका उत्पादन घटता जा रहा है। अपनी घरेलू माँग को पूरा करने के लिए भारत अंतरराष्ट्रीय बाजार से हर साल मोतियों का बड़ी मात्रा में आयात करता है।आज कल तो मोती की खेती भी होने लगी है। सरकार इसके लिए बहुत सारे फंड भी देती है।समुद्र किनारे रहने वालों के लिए ये एक कमाई का जरिया है।
आजकल बाजार में धड़ल्ले से नकली मोती बिक रहे लोग को समझ नहीं आता कि ये असली है या नकली आइए जानें कि इसे कैसे पहचानें..
असली और नकली मोती की पहचान
1. असली मोती थोड़ा खुरदरा होता है, दो मोती को ले और उसको आपस में रगड़े खुरदुरे के कारण घर्षण होता है।जबकि नकली पर प्लास्टिक के परत के कारण फिसल जाएगा।
2. अगर आप एक कांच के ग्लास में पानी डालकर उसमें मोती डालेंगे तो आपको उसमें किरणें निकलती दिखाई देगी। तो समझ जाइए कि मोती असली है।
3. असली मोती हाथ में लेने पर बहुत हल्का महसूस होता है,जबकि नकली मोती में कुछ भार होगा।
4. असली मोती नाखुन से खुरच जायेगा,हल्का दबाने पर टुट भी सकता है, नकली मोती को हाथ से नहीं खुरचा जा सकता है।
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