चेरापूंजी- मौसम बहारों का

बारिश के मौसम में पहाड़ों पर घुमने का कुछ अलग ही मजा है। चेरापूंजी अतिमनोहारी और रोमांटिक जगह है। यहां बारहों मास बारिश होते रहती है। तो कल्पना कर सकते मौसम कितना सुहावना होगा। चेरापूंजी को"बारिश की राजधानी"भी कहा जाता है। दुनिया में सबसे ज्यादा बारिश का रिकॉर्ड चेरापूंजी का है,इसलिए इसे वेस्टेस प्लेस ऑफ द वर्ल्ड कहा जाता है। यहां सालों भर लोगों का भीड़ लगा रहता है। चेरापूंजी मेघालय की राजधानी शिलांग से 56 किलोमीटर दूर है। शिलांग से बस या टैक्सी मिल जाता है। वहां से सुबह सुबह निकल जायें तो शाम तक घुम कर आ सकते हैं। चेरापूंजी में चारों तरफ पहाड़ और घाटियां है। चेरापूंजी का सबसे आकर्षक जगह है नोहकलिकाई जलप्रपात। काफी ऊंचाई से गिरता यह दूध‌ के रंग का झरना अपने अंदर एक मार्मिक कथा समेटे हुए है। कहा जाता है कि दिखाई नाम की वहां एक लड़की थी काम करने रोज जाती थी अपना परिवार पालती थी।एक दिन काम करके आई तो पति से बच्चों के बारे में पूछा,पति बोला उनको काट कर खाना‌ बना लिया उनका।बस लिकाई सदमे से उस झरना में कूद गई। तभी से इसका नाम नोहकलिकाई पड़ा। इसमें नीचे तक सीढ़ियां बनी हुई है पूरी तरह से इंजाय कर देखने के लिए। चेरापूंजी से पांच किलोमीटर दक्षिण में नोह संगीथियांग और मौसमाई प्रपात हैं। यहां प्रकृति की विशेष रचना की गुफाएं हैं जो लोगों को बहुत आकर्षित करती है।इन गुफाओं में घुटनों तक पानी भरा रहता है। पत्थरों की ऊंची नीची चिकनी और तीखी,कहीं संकरी तो कहीं चौड़ी गलियों में चलना रोमांच से भरा रहता है। चेरापूंजी आने वालों के लिए रोमांच,साहस और सौंदर्य से भरा एक और जगह है माउलिंग सीमा पीक। यहां दूर से गिरता झरना, बादलों का आवरण, बांग्लादेश के सिलहट जिले का मैदानी क्षेत्र और घने जंगल दिखाई देता है। स्थानीय लोग चेरापुंजी को सोहरा नाम से जानते हैं।यहां फर्न,चीड़ और ऐरोकोरिया के वृक्ष,कई तरह के फलतरा और अनानास होते हैं। कुछ विशेष स्म की घास और फूल भी देखने को मिलता है।बड़े पैमाने पर जंगलों के विनाश के कारण चेरापूँजी के लोग बहुत परेशानियों का सामना कर रहे हैं। हर साल मानसून के बाद जमीन सूख जाती है। यहाँ तक कि लोगों को पीने का पानी मिलना भी मुश्किल हो जाता है। प्रकृति और जगह की सुंदरता को बचाने के लिए शहर को संरक्षित किया जाना चाहिए, क्योंकि चेरापूँजी घूमने और आनंद लेने के लिए एक शानदार जगह है।

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1 Comments

  1. Meghalay, chera punji ko jald hi aarakshit kiya jana jaruri hai...

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