ठंड का मौसम शुरू हो गया है, इस मौसम में अगर हम अपना ख्याल ठीक से नहीं रखते तो जल्दी बिमारी हो जाते हैं। इस मौसम में हमें हमारे शरीर के हर अंग की देखभाल जरूरी है जैसे स्कीन, हर्ट, पेट, हाथ-पैर सबसे ज्यादा तलवे की। स्कीन रूखा सूखा होता है उसका केयर भी जरूरी है, ठंड में हर्ट अटैक का खतरा ज्यादा होता है इसलिए इसका ध्यान कैसे रखें वो जानेंगे। हाथ-पैर जोड़ों में दर्द रहता, तलवे फटने लगते बहुत सारी दिक्कतें होती है।
ठंड के मौसम में सब्जियों की कमी नहीं रहती जिससे हम अपनी देखभाल बहुत अच्छी तरह कर सकते हैं, लेकिन ठंड में ये सब्जियां मजा के साथ सजा भी देती है। जैसे गोभी परांठे, मेथी पराठा, गाजर का हलवा, मिक्स भेज आदि जहां एक कम खाना हो हम 2 अधिक खा लेते हैं जो नुकसान करता। मैं मीठा या तेल मसाला ना खाने के पक्ष में नहीं हुं बस कंट्रोल होना चाहिए कि कम खाएं जैसे परांठे, हलवा मिल तो रहा है इसी सीजन में तो छोड़ें क्यों बस जहां 4 की भूख है वहां ढाई ही खाते हैं। वैसे ये मेरी खुद की सोच है हो सकता मैं ग़लत हुं, उसके लिए साॅरी। सबसे पहले आते हैं स्कीन की देखभाल पर....
ठंड शुरू हो चुकी है रखें अपना खास ख्याल.....
ठंड में बच्चे, बुढ़े और बिमार की खास देखभाल जरूरी है। इनको गर्म कपड़े पहनाए रखें, स्वेटर, टोपी, मफलर, मौजे। कुछ भी बहुत टाइट ना पहनाएं जिससे बच्चे अंकंम्फर्टेबल महसूस करें थोड़ा ढीला हो। उन्हें सुबह की धूप में बैठने कहें। घर में कहीं ताजा हवा जरूरी है लेकिन डायरेक्टर जहां हवा आए वहां से इनको दूर रखें। रूम में हीटर या हाॅट वाॅटर बैग रजाई में दे जिससे जल्दी गर्म हो जाए। रूम में 2-4 कैंडिल भी जला सकते वो रूम को गर्म रखेगा। वैसे तो गांव में आग जलाते हैं लेकिन शहर में घर पुरा पैक होता हो आग नुकसान कर सकता, हवा का सर्कुलेशन जरूरी है।
ठंड में त्वचा/स्कीन की देखभाल...
ठंड के मौसम में स्कीन केयर बहुत जरूरी है, ना तब ये सुखा, बेजान लगता है। हाथ पैर की त्वचा फटी हुई लगती है, रंग भी डल हो जाता है क्योंकि ठंड में पानी हम कम पीते जिससे त्वचा डिहाइड्रेट रहती इसलिए बेजान लगती है। ठंड में खुब पानी पीना चाहिए, हल्का गर्म पानी से नहाएं, माॅस्चुराइजर रोज लगाएं। रात को नाभी में तेल दें जिससे ओंठ नहीं फटेगा।
स्कीन के लिए एंटीऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर खाना खाएं जो स्कीन को अंदर से ठीक रखें। पालक, बथुआ, सरसों साग का सेवन करें। फलों का सेवन करें। सप्ताह में कम से कम 3 दिन पुरे शरीर तेल मालिश अवश्य करें, नारियल तेल, ऑलिव ऑयल, सरसों तेल आदि जो त्वचा में नमी बनाए रखता।
फेस पैक के लिए केला कुच कर लगा सकते, शहद और दूध से हल्के हाथों से मसाज करें। बेसन, मलाई, शहद से फेस बना कर लगाएं। एलोवेरा जेल लगाएं जो स्कीन को माॅस्चुराइज रखता है। पानी 8-10 गिलास जरूर पीएं।
ठंड में हर्ट की देखभाल....
ठंड में हर्ट अटैक की संभावना ज्यादा होती है इसका मुख्य कारण है ब्लड भेसिल्स ठंड में सिकुड़ जाता जिससे हर्ट तक ब्लड धीरे धीरे जाता है। बीपी सुगर कोलेस्ट्रॉल वाले को खास ख्याल रखने की जरूरत होती है ना तो खून का प्रवाह धीमे होगा हर्ट को पंप करने के ज्यादा प्रेशर देना पड़ता जिस कारण हर्ट अटैक की संभावना ज्यादा होती। ठंड में खून भी गाढ़ा हो जाता, लोग एक्सरसाइज कम करते, घूमने फिरने कम जाते, टहलना भी बंद कर देते।
धूप के समय ही कम से कम अवश्य घूमें, खाना में फैट और कोलेस्ट्रॉल का कम सेवन करें, फाइवर की मात्रा ज्यादा लें। नमक का सेवन कम करें, सुखा मेवा खाएं। रेगुलर चेक-अप सुगर, बीपी, कोलेस्ट्रॉल की जांच कराएं। अपनी दवाओं का सेवन सही समय पर करते रहे।
हाथ पैर या जोड़ों के दर्द के लिए....
ठंड में अक्सर बड़े बुजुर्गों को हाथ पैर या जोड़ों का दर्द बहुत सताता है। घुटनों में सूजन भी आ जाता है। इसका कारण है कि ठंड में खून का प्रवाह धीमे होता है, मांसपेशियां जकड़ी रहती है और हड्डियों के बीच बहने वाला लिक्विड भी थोड़ा गाढ़ा हो जाता इसलिए ठंड में हड्डियों में दर्द ज्यादा रहता है।
इसको कम करने के लिए तेल लगाकर सेंक लें। रोज रात को हल्दी दूध पीएं, सरसों तेल में लहसुन पका कर मालिश करें। हल्दी और नारियल तेल का पेस्ट लगा गर्म कपड़े से बांधे रखें। विटामिन डी और कैल्शियम की कमी से ये सब होता है इसलिए धूप और दूध तो लें ही इसकी दवा भी लें। आराम होगा।
ठंड में फटी एड़ियां कैसे ठीक रखें....
ठंड में अक्सर हमारे हाथ पैर के तलवे फटने लगते हैं बहुत बार तो इससे खून आने लगते हैं। इसलिए इसका खास ख्याल रखें। ऐसे पैर के तलवे फटने का कारण खून में आयरन और विटामिन बी 12 की कमी के कारण भी होता है। ऐसे नमी की कमी के कारण भी फटता है। इसलिए पैर में माॅस्चुराइजर लगा मौजे पहने रखें। पेट्रोलियम जेली लगाएं, मलाई लगाएं, घी लगाएं।
नोट- ये बस जानकारी है हम इसका पुरा पुष्टि नहीं करते... लोगों से पढ़ी सुनी जानकारी... बिना डाॅ से राय लिए ना अपनाएं , कोई डाक्टर इसको ना बोला है।
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