हिंदू धर्म के बड़े त्यौहार में से एक है होली, रंगों का त्योहार। होली लगभग हर किसी का सबसे पसंदीदा त्यौहार है, होली को बहुत उत्साह और उमंग से मनाते हैं होली को अलग अलग जगह अलग अलग नाम से जानते हैं कौन डोल पूर्णिमा, धुलंडी, रंगवाली होली, धूलेटी, धूर खेल आदि नामों से भी जानते हैं। नाम जो भी होली को तो हम मजे नाम से ही जानते। अच्छा खाना इस दिन मालपुआ, गुझिया, दही बड़े, राबड़ी पूआ आदि बड़े चाव से खाते हैं।
होली कब है 2023......
होली का त्योहार प्रतिपदा तिथि को मनाया जाता है। इस साल होली 8 मार्च 2023 को है और होलिका दहन 07 मार्च 2023 को है। फाल्गुन पूर्णिमा 06 मार्च 2023 को शाम 04.17 से 07 मार्च 2023 शाम 06.09 तक रहेगा। इसलिए होलिका दहन 07 मार्च 2023 को है।
होली क्यों मनाते हैं....
हिंदू धर्म के अनुसार होली मनाने का कारण बुराई पर अच्छाई की जीत का है। पौराणिक कथा के अनुसार एक असुर हिरण्यकश्यप था जो अपने राज्य में सबको कहता मैं भगवान हूं मेरी पूजा करो। वो बहुत क्रुर था अपने राज्य में किसी और देवता का नाम नहीं सुनना चाहता था बस हर जगह अपनी पूजा जबरदस्ती करवाता था। हिरण्यकश्यप का एक पुत्र था प्रह्लाद जो कि भगवान विष्णु का परम भक्त था जिस कारण हिरण्यकश्यप हमेशा उसको मारने के उपाय सोचता रहता लेकिन भगवान विष्णु हर समय उसको बचा लेते थे।
एक बार हिरण्यकश्यप ने अपनी बहन होलिका को भक्त प्रह्लाद को मारने के लिए कहा, होलिका अपने तपस्या से एक चादर ऐसा पाई थी जिसे ओढ़ने पर आग से बची रहेगी। होलिका के कहने पर एक बहुत बड़ा आग का अलाव जलाया गया जिसमें होलिका अपने भतीजे भक्त प्रह्लाद को लेकर बैठ गई लेकिन भगवान विष्णु उस जलती आग से भक्त प्रह्लाद को बचा लिए होलिका उसमें जल गई मर गई उस दिन फाल्गुन पूर्णिमा था जिस कारण होलिका दहन मनाया जाता है। उसके दुसरे दिन सब लोग इस खुशी में एक दुसरे को रंग गुलाल लगाया तो होली मनाई जाने लगी। होली राधा कृष्ण के समय भी बहुत अच्छे से मनाती जाती थी। बरसाने की होली बहुत प्रसिद्ध है, होली में आज भी ब्रज और गोकुल में खुब मेला लगता है। भोलेनाथ के नगर की होली भी जबरदस्त होती है।
होली के एक दिन पहले करें ये उपाय....
होली के एक दिन पहले होलिका दहन होता है जिसमें गांव के चौक पर बहुत बड़ा होलिका जलाया जाता है, उस होलिका दहन के कुछ उपाय आपके सारे दुःख को दूर कर सकते हैं..
* अगर आपको बार बार किसी की नजर लग रही है तो होलिका दहन में एक पान के पत्ते पर दो लौंग, एक बताशा और थोड़ी सी मिश्री डाल दें और अगले सुबह सुर्योदय के पहले चुपचाप उसका राख उठा कर गले में ताबीज बनवा बांध लें आपको या आपके बच्चों को बुरी नजर से बचाएगी।
* अगर आप पर बहुत कर्ज है या नौकरी व्यवसाय में कोई दिक्कत तो नरसिंह स्त्रोत पाठ करें और होलिका दहन की आग में जटा वाला नारियल डालें।
* घर में क्लेश है तो जौ आटा की छोटी छोटी गोलियां बना अग्नि में डालें। घर में पैसे ना टिक रहे हैं तो होलिका दहन वाली राख को लाल कपड़ा में बांध तिजोरी में रखें।
0 Comments