अनंत चतुर्दशी कब है, शुभ मुहूर्त और महत्व जानें

      अनंत चतुर्दशी भगवान विष्णु के अनंत रुप की पूजा है। यह भादो मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी को मनाया जाता है। यह भारत के लगभग हर हिस्से में मनाया जाता है, इसमें अपने बांह पर पूजा का धागा बांधा जाता है। इस दिन गणेश जी का विसर्जन भी किया जाता है। इस दिन बप्पा का विसर्जन धूमधाम से लोग करते हैं, हमारे यहां तो पंडित जी आते हैं सारे मुहल्ले वाले एक साथ जमा हो अनंत चतुर्दशी मनाते, आप अपने घर कैसे मनाते जरूर बताएं....

       अनंत चतुर्दशी कब है शुभ मुहूर्त जानें....

    अनंत चतुर्दशी 9 सितंबर 2022 शुक्रवार को है। चतुर्दशी 8 सितंबर गुरुवार को रात 09.02 में प्रवेश कर रही और 09 सितंबर के शाम 06.07 बजे निकल रही। अनंत चतुर्दशी का शुभ मुहूर्त सुबह 06.03 से दिन के 12.43 तक है।‌‌‌इस समय आप पूजा कर सकते हैं। गणेश जी के  विसर्जन का शुभ मुहूर्त 06.03 से 10.44, दोपहर 12.18 से 01.52, शाम 5.00 से 06..18 तक है।

      अनंत चतुर्दशी पर रक्षासूत्र में 14 गांठ लगा हुआ पहनना चाहिए, ऐसे तो बाजार में उपलब्ध है आप घर पर बना भी पहन सकते हैं। हाथ में बिना रक्षासूत्र बांधे खाना नहीं खाया जाता है, ये रक्षासूत्र हमारी रक्षा करता है हमें हर कष्ट से दूर रखता है। यह भगवान को चढ़ाएं फिर बांधे।


        अनंत चतुर्दशी का महत्व....

    अनंत चतुर्दशी का संबंध महाभारत काल से माना जाता है। महाभारत काल में जब पांडव अपना सब कुछ जुए में हार गये तो वो भगवान कृष्ण के पास आए और बोले मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के उपाय बताएं अब क्या करें। तो भगवान श्रीकृष्ण ने कहा आप भादो मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी को भगवान विष्णु की पूजा करें माता लक्ष्मी प्रसन्न होंगी, तब उन्होंने पूजा 14 साल किया सारा सुख समृद्धि मिल गया। तब से ही अनंत चतुर्दशी मनाया जाता है।

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