कुंभ मेला 2021, जानिए कब-कब है शाही स्नान और इसका क्या है महत्व

       कुंभ मेला हमारे हिन्दू धर्म के लिए बहुत मायने रखता है। यह दुनिया का सबसे बड़ा मेला होता है जहां पुरी दुनिया से लोग आते हैं। इस साल 14 जनवरी से हरिद्वार में कुंभ मेला लगने वाला है। अभी कोरोना के समय लोगों को आने जाने का तो दिक्कत होगा लेकिन फिर भी भीड़ पहले जैसी ही होगी। कुंभ हर 12 साल में लगता है, लेकिन इस साल 11 साल में ही लग रहा है क्योंकि साल 2022 में ज्योतिष शास्त्र में गणना के आधार पर बृहस्पति ग्रह कुंभ राशि में नहीं होंगे जिस कारण उस साल कुंभ मेला नहीं लगेगा। इस‌ साल में संयोग है इसलिए कुंभ मेला का आयोजन हो रहा है।

कुंभ मेला क्यों लगता है

        खगोल गणना के अनुसार कुंभ का आयोजन मकर संक्रांति के दिन शुरू होता है जब सूर्य और चंद्रमा, वृश्चिक राशि में और वृहस्पति मेष राशि में प्रवेश करते हैं तो कुंभ मेला लगता है। कुंभ दो तरह का होता है- अर्द्ध कुंभ और पूर्ण कुंभ या महाकुंभ।अर्द्ध कुंभ हर 6 साल में मनाया जाता है और पूर्ण कुंभ का आयोजन हर 12 साल पर किया जाता है। अर्द्ध कुंभ केवल हरिद्वार और प्रयागराज में लगता है। उज्जैन और नासिक में पूर्ण कुंभ लगता है जिसे सिहस्थ कहा जाता है

         कब कब है शाही स्नान और इसका महत्व जानें....


        सबसे पहला शाही स्नान महाशिवरात्रि को लगने वाला है 11 मार्च को, दुसरा शाही स्नान 12 अप्रैल को सोमवती अमावस्या को, तीसरा शाही  स्नान 14 अप्रैल मेष संक्रान्ति और चौथा शाही स्नान 27 अप्रैल वैशाखी पूर्णिमा को है।
       ऐसे और भी महत्वपूर्ण स्नान है, पहला मकर संक्रांति पर 14 जनवरी को, 11 फरवरी को मौनी अमावस्या पर, 16 फरवरी बसंत पंचमी को, 27 फरवरी माघ पूर्णिमा, 13 अप्रैल चैत्र शुक्ल प्रतिपदा, 21 अप्रैल राम नवमी को स्नान करना भी अच्छा होगा।
        कुंभ स्नान का धार्मिक महत्व है। कुंभ स्नान करने से सारे पाप धुल जाते हैं। मोक्ष की प्राप्ति होती है।‌ कुंभ स्नान में कम से तीन डुबकी अवश्य लगाएं।‌ ना तब परिवार के सभी सदस्यों के हिस्से एक एक डुबकी अवश्य लगाएं।

        इस बार कोरोना के कारण कुंभ स्नान करने के लिए जाने से पहले उत्तराखंड सरकार ने बहुत अच्छी व्यवस्था किया है। उत्तराखंड जाने से पहले आपको ‌थर्मल स्क्रीनिंग कराना होगा। मास्क और सभी कोविड-19 की प्रक्रिया से गुजरना होगा। रेल आदि में भी ‌पुरी गाइड लाइन का पालन करना होगा।

       कुंभ स्नान संबंधित और भी खबर जानने के लिए हमसे जुड़ें रहे।‌ यहां कुंभ मेला के साथ साथ आपको कुंभ मेला के बाद आस पास और भी दर्शनीय स्थलों के बारे में भी बताते रहेंगे। अच्छा लगे तो कमेंट और शेयर अवश्य करे।

Post a Comment

0 Comments