दुनियाभर में सोरायसिस के 12.50 करोड़ प्रभावित लोग हैं एक रिपोर्ट के मुताबिक यह गोरे लोगों को ज्यादा होता है लेकिन काले लोगों को नहीं होता ऐसा नहीं है। इसके होने का कारण तो अभी तक कोई वैज्ञानिक नहीं लगा पाए हैं लेकिन जितना कारण पता है वो है शरीर का इम्युन सिस्टम कमजोर होना। यह बिमारी सीधे हमारे इम्यून सिस्टम पर हमला बोल देती है जिससे यह स्कीन पर कई कोशिका बढ़ जाती है।
जिस कारण हमारे स्कीन के ऊपर एक और स्कीन उभर आती जो लाल, सुखा और कड़ा चकत्ता होता है। इसकी सबसे बड़ी प्रोब्लम है इसका कोई खास अभी तक इलाज नहीं है ये एक बार हो जाए तो फिर छुटने के बाद फिर हो सकता है लेकिन कहीं कहीं हमेशा के लिए छुट भी जाता है।
यह ना साथ खाने से फैलता है, ना साथ नहाने से, ना शारीरिक संबंध बनाने से,ना सोरायसिस पीड़ित किसी भी आदमी के किसी तरह के संपर्क से। कुछ कुछ मामलों में यह हमारे जेनेटिक में आ जाता है। मां बाप में किसी को हुआ है सोरायसिस तो बच्चे में शायद हो सकता है।
अगर आप को तंबाकू, शराब, टेंशन, किसी दवा का रियेक्सन हो(मानसिक डिसऑर्डर, हाई बीपी),, कहीं कट फट जाए या चोट लगा हो, बहुत अत्यधिक ठंड मौसम में रहते हो या बहुत तेज धूप में, HIV positive है तो सोरायसिस होने की संभावना ज्यादा होती है।
सोरायसिस का कुछ वैसा उपचार तो न है इसे किसी चर््म रोग विशेषज्ञ से परामर्श लें ही दवा कराएं। वो हर कुछ दिन पर वो आपके स्कीन का जांंच करेगा तब दवा उस अनुसार देगा। वैसे आप नीम की पत्तियों से बना साबुन या पत्ती को पानी में गर्म कर उसका पानी से धो सकते।
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