ओवरी पर टेंशन का भी असर होता है, टेंशन में जब आप होते हैं तो ओवरी में अंडा बनने का प्रक्रिया नहीं होता है। वैसे ओवरी सिस्ट लगभग सभी महिलाओं को होता है लेकिन ज्यादातर महिलाओं का ये सिस्ट अपने आप खत्म हो जाता है। किसी किसी का हल्का फुल्का इलाज के बाद ठीक हो जाता किसी को ऑपरेशन कर ही ठीक होता है और किसी का यही सिस्ट कैंसर का रूप ले लेता है।
ओवरी सिस्ट क्या है....
हर महिला को दो ओवरी होता है अगर किसी ओवरी में द्रव्य से भरा थैैैली बन जाए तो ओवरी सिस्ट कहलाता है। यह दो ओवरी गर्भाशय के दोनों तरफ होते हैं यह बादाम के जैसे
होता है।अगर ओवरी में सिस्ट बन जाय जाए तो बांझपन होता है। यही अगर गर्भाशय में छोटे छोटे सिस्ट बन जाए तो कैंसर का रूप ले सकता है।
ओवरी सिस्ट के कारण......
मासिक धर्म में प्रति माह फाॅलिकल्स से दो तरह के तरह के हार्मोन निकलते हैं एस्ट्रोजन हार्मोन और प्रोजेस्टेरोन जो ओवरी के अंडे को बाहर निकालने में मदद करता है। जब ये अंडे अपने आप फटने में असमर्थ हो तो यहां एक तरल जमा होने लगता है जिससे ओवरी में सिस्ट बन जाता है।
ओवरी सिस्ट के लक्षण.....
* मासिक धर्म के समय पेट में दर्द
* योनि में दर्द, बार बार पेशाब आना
* पेट में सूजन या दर्द, अपच, उल्टी मतली आना
* मल त्याग करने में दर्द, कब्ज की समस्या
* मासिक धर्म में अनियमितता
* संबंध बनाते समय दर्द
* अंदर अंदर बुखार जैसे लगना, बेहोशी, चक्कर आना, थकान लगना
ओवरी सिस्ट के उपाय....
ओवरी सिस्ट का इलाज महिलाओं की उम्र, सिस्ट का साइज़, और कितना ख़तरनाक है उस पर निर्भर करता है। ओवरी सिस्ट लगभग हर महिला को होता है। पहले डाॅ से अल्टरा साउंड करवा लें तब साइज देख कर डाॅ जो कहे उस पर विचार करना चाहिए।
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